ओडिशा सरकार ने राज्य की 500 आदिवासी बस्तियों को आदर्श गांवों में बदलने की पहल का घोषणा की है.
यह घोषणा कुछ कुछ केंद्रीय बजट में जनजातीय उन्नत ग्राम जैसी ही सुनाई देती है.
22 जुलाई को आरंभ हुआ ओडिशा राज्य का बजट सत्र कल यानि 25 जुलाई को पूरा हो गया.
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने पहले बजट भाषण में इस पहल की घोषणा की है.
इस घोषणा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आदर्श जनजातीय गांव पहल (Model Tribal Village Initiative) शुरू करने के पीछे उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य के आदिवासी इलाकों के विकास में आने वाली समस्याओं का समाधान करना है.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस पहल के तहत पाँच साल के समय के अंदर 500 आदिवासी बस्तियों को आदर्श गांवों में बदला जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए केंद्र और राज्य की योजनाओं से मिलने वाले फंड का उपयोग किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस फंड से आदिवासी इलाकों के उत्थान में आने वाली बाधाओं का समाधान किया जाएगा. ये आदर्श गांव आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए किए जाने वाले प्रयासों को बढ़ावा देंगे.
माझी ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों का विकास राज्य की लगभग हर योजना का एक अहम हिस्सा है.
बजट 2024-2025 में ट्राइबल सब कोंपोनेंट (Tribal Sub Component) और एससी सब कोंपोनेंट (Scheduled Component) के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए 63,457 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.
ट्राइबल एरिया सब प्लान के तहत 36,652 करोड़ रुपये और शेडियूल्ड कास्ट सब प्लान के तहत 26,647 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
मांझी ने कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री जनजाति जीविका मिशन की भी शुरुआत की गई है. इस मिशन के माध्यम से तीन सालों में डेढ़ लाख से ज़्यादा आदिवासी परिवारों की आय और जीवन स्तर को बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए राज्य के 2024-2025 के बजट में 200 करोड़ रूपयों का आवंटन किया गया है.
इसके साथ ही राज्य सरकार ने OPELIP Plus (Odisha PVTG Empowerment and Livelihood Improvement Program) के तहत आदिम जनजातीयों की शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 90 करोड़ रूपये की राशि को भी मंज़ूरी दी है. OTELP (Odisha Tribal Empowerment and Livelihood Programs) के अंतर्गत 59 करोड़ रूपये खाद्य सुरक्षा और आजीविका में सुधार के लिए दिए गए हैं.
इन सभी योजनाओं के साथ मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना और पीएम अजय के अंतर्गत आने वाले आदर्श ग्रामों का भी ज़िक्र किया.
ओडिशा देश का ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक संख्या में आदिवासी समुदाय रहते हैं. यहां पर कम से कम 62 आदिवासी समुदाय हैं.
इन आदिवासी समुदायों में कई आदिवासी समुदाय विशेष रूप से पिछड़े मान जाते हैं. यानि विकास के ज़्यादातर पैमानों पर ये आदिवासी समुदाय बहुत नीचे के पायदान पर मिलते हैं.
इसलिए ओडिशा सरकार की यह बजट घोषणा काफ़ी मायने रखती है, बशर्ते वह इन घोषणाओं को लागू करने में संजीदगी भी दिखाए.