गुमला के बुरुहातु गांव के मथुरा टोपनो की शक्तियों पर सवाल उठ रहा था. क्योंकि पिछले 4 महीने से गाँव में 8 लोगों की मौत हो चुकी थी. इसके अलावा जानवर भी एक के बाद एक मर रहे थे. 23 फ़रवरी को मथुरा टोपनो को गाँव के एक मैदान में लाया गया. यहाँ पर मथुरा टोपनो को अपनी शक्तियों का आह्वान करने के लिए कहा गया.
मथुरा टोपनो से कहा कि अगर वो गाँव में चल रहे नुक़सान को रोक नहीं सकता तो कम से कम उस बुरी आत्मा का नाम बताए जिसकी वजह से यह मुसीबत आ रही है. गाँव वालों ने गाँव पर आई मुसीबत का कारण पूछा. इसके बाद मथुरा टोपनो ने कुछ नाम बुदबुदाए.
मथुरा टोपनो गाँव के आदिवासी समुदाय का झाड़फूंक करने वाला (ओझा) व्यक्ति है.
अगले दिन सुबह गाँव वालों को एक ही परिवार के 5 लोगों की ख़ून में लथपथ लाशें मिलीं. इन पाँच लोगों में 60 साल के बुज़ुर्ग से लेकर 5 साल के नादान बालक तक की लाश थी.
गांव के ही आठ लोगों ने परिवार में बच्चों और बुज़ुर्गों समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. मरने वालों में 60 साल के निकोदिन टोपनो, उसकी 55 साल की पत्नी जोसपिना टोपनो, 35 साल का बेटा विनसेन्ट टोपनो, 30 साल की बहू शीलवंती टोपनो और पांच साल का पोता अल्बिन टोपनो शामिल हैं.
गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान सुनील टोपनो, सोमा टोपनो, सलीम टोपनो, फिरंगी टोपनो, फ़िलिप टोपनो, अमृत टोपनो, सावन टोपनो और डानियल टोपनो के रूप में की गई है. इस घटना के खुलासे के लिए पुलिस ने स्पेशल टीम का गठन किया था.
जांच कमेटी को पता चला कि गांव में कुछ लोगों की बीमारी से मौत हो गई थी. गांव वालों को लग रहा था कि जादू-टोना के चक्कर में उन लोगों की तबीयत खराब हुई और इस वजह से उनकी मौत हो गई. गांव के लोगों को लग रहा था कि निकोदिन टोपनो और उसकी पत्नी ने लोगों पर जादू-टोना किया था.
पुलिस ने इस मामले में गांव के ही आठ लोगों को गिरफ्तार (Arrest) किया है. पुलिस ने दावा किया है कि उसके हाथ उनके खिलाफ कई सबूत भी मिले हैं.
पुलिस के अनुसार यह घटना मंगलवार रात (Tuesday Night) गुमला के बुरुहातु गांव में हुई थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि गांव में कुछ लोग बीमार थे, जिसकी वजह से गांव वालों को शक था कि मारे गए लोग उन पर जादू-टोना कर रहे थे.
अंधविश्वास (Black Magic) के चलते लोगों ने पूरे परिवार की बेरहमी से हत्या कर दी. पुलिस अधिकारी (Police Officer) के मुताबिक खून से सना हथौड़ा और धारदार हथियार के अलावा आरोपियों के खून से सनी चप्पल बरामद की गई है.
पुलिस ने शक के आधार पर आठ लोगों को उसी दिन हिरासत में ले लिया था. पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपना गुनाह मान लिया.
23 फरवरी को घटना से कुछ घंटे पहले गांव में करीब 70-80 लोगों ने बैठक की थी. बैठक में निकोदिन टोपनो और उसकी पत्नी की हत्या का फैसला लिया गया था. बैठक में मौजूद आठ लोगों ने उसी रात निकोदिन के घर पर लाठी-डंडे और धारदार हथियारों से हमला कर दिया था.
सभी लोग जबरन उनके घर में घुस गए और सबसे पहले पति पत्नी को मारा. लेकिन फिर हत्यारों को लगा कि अगर दूसरे लोगों ने पुलिस को इस बारे में बता दिया तो उन्हें पुलिस पकड़ सकती है इसीलिए उन्होंने बेटे, बहू और पोते को भी मार दिया.
झारखंड में डायन के नाम पर प्रताड़ित करने और अंधविश्वास को रोकने के लिए 2001 में एक क़ानून बनाया गया था. लेकिन इसके बावजूद अंधविश्वास की वजह से इस तरह की घटनाएँ सामने आती हैं.
(इस स्टोरी में प्रतीकात्मक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. यह तस्वरी छत्तीसगढ़ के एक गाँव में जादू टोना करने के दौरान की है.)