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AICTE ने ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के युवाओं के लिए लॉन्च किया प्लेसमेंट पोर्टल

गुरुवार को एआईसीटीई यानी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में रहने वाले युवाओं को नौकरी देने के लिए AICTE प्लेसमेंट पोर्टल लॉन्च किया है.

गुरुवार को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(All India Council for Technical Education – AICTE) ने ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में पढ़ने वाले छात्रों को घर बैठे नौकरी दिलाने के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया है.

AICTE प्लेसमेंट पोर्टल

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने AICTE प्लेसमेंट पोर्टल नाम का एक नया पोर्टल लॉन्चकिया है. इसे एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीतारम ने लॉन्च किया है.
यह पोर्टल ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में पढ़ने वाले छात्रों को नौकरी देने के लिए लॉन्च किया गया है.

लॉन्च कार्यक्रम में 600 से अधिक एआईसीटीई संस्थान, इंडस्ट्री पार्टनर और सेल्सफोर्स, सर्विस नाऊ, फाइटेक, मेडिनी और आईडीएस आदि कंपनियों के प्रतिनिधि ऑनलाइन जुड़े.

इस पोर्टल के माध्यम से कंपनियां इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर समेत अन्य पाठ्यक्रमों कॉलेजों में जाकर कैंपस प्लेसमेंट करेंगी.

AICTE प्लेसमेंट पोर्टल का लाभ

यह पोर्टल यूजर फ्रेंडली बनाया गया है ताकि वे लोग भी आसानी से एक्सेस कर पाएं, जिनके पास हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी और लेटेस्ट टेक्नोलोजी उपलब्ध नहीं है.

इसके साथ ही पोर्टल को ग्रामीण परिवेश के आधार पर तैयार किया गया है ताकि साधारण छात्र भी पोर्टल का प्रयोग बिना किसी की मदद लिए खुद से चला पाए या यूं कहे की पोर्टल को स्टूडेंट फ्रेंडली बनाया गया है.

इस पोर्टल में छात्रों को उनकी भाषा में जानकारी मिलेगी. पोर्टल में भारतीय भाषाओं का प्रयोग करने का मकसद सभी छात्रों को सारी जानकारियां पहुंचाना है.

एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल में नौकरी लिस्टिंग, करियर सलाह और नेटवर्किंग टूल जैसी सुविधाएं उपलब्ध है.

इसके साथ ही पोर्टल पर उन नियोक्ताओं के लिए संसाधन उपलब्ध कराया जाएंगा जो ग्रामीण छात्रों को काम पर रखने में रुचि रखते हैं.

अगर छात्रों को कोई भी दिक्कत होती है या सहायता की जरूरत हो तो उनके लिए एआईसीटीई हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध है.

कम शब्दों में कहा जाए तो गांव और आदिवासी छात्रों के लिए लॉन्च किए गए इस प्लेसमेंट पोर्टल में इतनी क्षमता है कि छात्रों और नियोक्ताओं दोनों के लिए एक मूल्यवान संसाधन उपलब्ध कराया जा सकता है.

ग्रामीण छात्रों को नौकरी के अवसरों से जोड़कर और उन्हें नौकरी बाजार में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करके पोर्टल एक अधिक न्यायसंगत और समावेशी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद कर सकता है जिससे समाज के सभी सदस्यों को लाभ होगा.

इसके अलावा यह दावा किया जा रहा है कि बहुत ही जल्द एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल को एआईसीटीई के नेशनल इंटर्नशिप पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा. यह पोर्टल भी यूजर फ्रेंडली बनाया गया है ताकि सभी लोग इस पोर्टल को आसानी से प्रयोग कर सके.

एआईसीटीई के नेशनल इंटर्नशिप पोर्टल को भी इस पोर्टल की तरह ही हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी और लेटेस्ट टेक्नोलोजी की जरूरत नहीं होगी.

इसमें नेटवर्किंग टूल्स, करियर काउंसिलिंग, इंटरव्यू टिप्स आदि फीचर्स भी रखे गए हैं जो छात्रों को जल्द नौकरी दिलाने में सहायक होंगे.

एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीतारम ने लॉन्च के दौरान कहा कि बड़े शहरों के छात्रों के लिए रोजगार की दिक्कत नहीं आती है. लेकिन ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के कॉलेजों तक बड़ी कंपनियां प्लेसमेंट ड्राइव के लिए नहीं जा पाती हैं.

इसी कारण से विशेष एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल तैयार किया गया है. जिसके माध्यम से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के पास भी घर बैठे नौकरी के हजारों विकल्प उपलब्ध होंगे.

ज़्यादातर नियोक्ता मैनपावर की तलाश में ग्रामीण इलाकों में नहीं जाते है. जबकि ग्रमीण इलाकों के संस्थानों में बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली छात्र छात्राएं हैं.

उन्होंने कहा कि ये छात्रों एंव नियोक्ताओं के बीच सेतु का काम करेगा और इससे छात्रों को मल्टीनेशनल कंपनियों से भी सीधे कनेक्ट करने में मदद मिलेगी.

लॉन्च के दौरान एआईसीटीई के कोऑर्डिनेटिंग ऑफिसर बुद्ध चंद्रशेखर ने कहा कि हमने इस विचार की शुरुआत यह सवाल करके की कि क्या हम ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में छात्रों की जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा कर रहे हैं. व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने इस पोर्टल की स्थापना की है.

यह मंच अब 6 लाख से अधिक गांवों और आदिवासी क्षेत्रों में सेवा प्रदान करता है और भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए इसे कई भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है.

इसके अलावा सेल्सफोर्स, सर्विस नाउ, फाइटेक, मेदिनी और आईडीएस आदि कंपनियों के प्रतिनिधियों ने पोर्टल लॉन्च पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बहुत सारी बाते बताई है.

इन कंपनियों ने कहा कि पोर्टल में पहले से ही विभिन्न क्षेत्रों और खंडों में काम करने वाली 2,000 से अधिक कंपनियों को सूचीबद्ध किया जा चुका है.

अगर यह पोर्टल जमीनी स्तर पर आदिवासियों के कम स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी वालो इलाकों में भी अच्छे से काम कर पाया तो इस से कई आदिवासी छात्रों को अपने सपनों को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी.

क्योंकि शहरों में पढ़ रहे आदिवासी छात्रों के कालेजों में प्लेसमेंट ड्राइव के अंतर्गत बड़ी एंव छोटी सारी कंपनिया आती है और छात्रों को नौकरी पर रख लेती हैं. लेकिन आदिवासी क्षेत्रों या बस्तियों में ऐसा नहीं होता है.

इस पोर्टल के बार में ज्यादा जानने के लिए एआईसीटीई के प्लेसमेंट पोर्टल पर जाकर देखे.

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