सरकार की उदासीनता से परेशान आंध्र प्रदेश के विजयनगरम एजेंसी के बल्लुकोटा के आदिवासियों ने अपने गांव से 3.2 किमी ‘कच्चा’ सड़क का निर्माण खुद ही शुरू कर दिया है. कुरुपम मंडल के गोटीवाड़ा ग्राम पंचायत के बल्लुकोटा में करीब 50 आदिवासी परिवार रहते हैं और उन्होंने सड़क निर्माण की पहल शुरू की.
आदिवासियों को अपनी दैनिक जरूरतों के लिए बल्लूकोटा से कुरुपम तक पहुंचने में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, जहां से एक मोटर योग्य सड़क है. उचित सड़क संपर्क की कमी के चलते लोगों को चिकित्सा आपात स्थिति में बल्लुकोटा से नजदीकी अस्पताल में स्थानांतरित करना एक कठिन काम बन गया था.
हालांकि आदिवासियों ने अपने गांव के लिए सड़क निर्माण की मांग को लेकर सरकार को कई अभ्यावेदन प्रस्तुत किए थे लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. बल्लुकोटा कुरुपम विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आता है जिसका प्रतिनिधित्व उप मुख्यमंत्री (आदिवासी कल्याण) पामुला पुष्पा श्रीवानी करते हैं.
उप सरपंच कोंडागोर्री दिलेश्वर राव, वार्ड सदस्य एरिका श्रीनिवास राव और अन्य गांव के बुजुर्गों ने बल्लुकोटा से ‘कच्चा’ सड़क बनाने की पहल की थी.
गांव के हर एक परिवार ने सड़क निर्माण में 100 रुपये का योगदान दिया. उप सरपंच द्वारा दिए गए आह्वान के जवाब में महिलाओं और युवाओं सहित लगभग 150 आदिवासी श्रमदान करने के लिए आगे आए. उन्होंने सड़क बनाने के लिए मोटी झाड़ियों और जंगली पौधों को साफ किया. इसके अलावा सड़क निर्माण के लिए सामग्री ढोने के लिए ट्रैक्टर किराए पर लिया गया. शनिवार को सड़क निर्माण का शुभारंभ किया गया.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए दिलेश्वर राव ने कहा, “हमने सड़क निर्माण के लिए एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी और राजनीतिक नेताओं को कई अभ्यावेदन प्रस्तुत किए. लेकिन बल्लुकोटा को उचित सड़क संपर्क प्रदान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.”
आधिकारिक उदासीनता से तंग आकर बल्लुकोटा के आदिवासियों ने सरकार द्वारा काम शुरू करने की प्रतीक्षा किए बिना अपने दम पर सड़क बनाने का फैसला किया.
उप सरपंच ने कहा, “सड़क का निर्माण अगले कुछ दिनों में पूरा होने की संभावना है. मुझे उम्मीद है कि सरकार अब ‘कच्ची’ सड़क को पक्की सड़क में बदल देगी जो बल्लुकोटा के आदिवासियों द्वारा की गई पहल से प्रेरित है.”
(Photo Credit: The New Indian Express)