HomeAdivasi Dailyबिहार सरकार देगी 9 PVTG समुदायों को पक्के घर

बिहार सरकार देगी 9 PVTG समुदायों को पक्के घर

कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि इन परिवारों को बेहतर जगह के साथ-साथ स्वच्छता और रोजगार से जुड़ी सहायता भी दी जाएगी.

बिहार सरकार ने राज्य के आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब प्रदेश के 10 ज़िलों में रहने वाले ‘विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों’ (PVTGs) को पक्के घर और जीवन की बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.

इस फैसले का मकसद इन समुदायों के सामाजिक और आर्थिक हालात को बेहतर बनाना है.

किन जनजातियों को मिलेगा लाभ?

यह योजना उन नौ आदिवासी समुदायों के लिए है, जिन्हें भारत सरकार ने ‘PVTG’ यानी ‘विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के रूप में चिन्हित किया है. इस योजना से असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिल्खरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहैया, सूर्यपहाड़िया और सवार जनजाति को लाभ होगा.

ये समुदाय अक्सर जंगलों, पहाड़ों और दूरदराज़ के इलाकों में सुविधाओं की भारी कमी में जीवनयापन करते हैं.

कौन सी योजना के तहत मिलेगा मकान?

इन जनजातियों को पक्के मकान देने का काम प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महा अभियान (PM-JANMAN) के अंतर्गत किया जाएगा.

सरकार के इस फैसले का मकसद आदिवासी इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की पहुंच बढ़ाना है.

राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने इस प्रस्ताव को तैयार किया था. हाल ही में इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई.

कितनी वित्तीय मदद मिलेगी?

कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्के मकान पाने के लिए 10 जिलों में लगभग 1,308 आदिवासी परिवारों की प्रारंभिक रूप से पहचान की गई है. पात्र परिवारों को चार समान किस्तों में 2 लाख रुपये मिलेंगे और यह राशि योजना के तहत सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी.”

इस योजना के तहत हर पात्र परिवार को कुल ₹2.39 लाख रुपये की सहायता मिलेगी. इसमें 2 लाख रुपये पक्का घर बनाने के लिए होंगे. इसके अलावा 27,000 रुपये मनरेगा के तहत मज़दूरी सहायता राशि के रूप में दिए जाएंगे और 12,000 रुपये, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिए दिए जाने की बात कही गई है.

इस तरह प्रत्येक परिवार को रहने की बेहतर जगह के साथ-साथ स्वच्छता और रोजगार से जुड़ी सहायता भी मिलेगी.

बिहार सरकार का यह कदम आदिवासी समाज के लिए आशा की एक नई किरण है.

इससे न केवल आवास और जीवन स्तर में सुधार होगा बल्कि इन समुदायों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद मिलेगी. यह पहल सामाजिक न्याय और विकास की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास साबित हो सकता है बशर्ते इस प्रस्ताव को ज़मीन पर ईमानदारी से लागू किया जाए.

(Image is for representation purpose only)

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