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ग्रेटर टिपरालैंड पर मधयस्थ की नियुक्ति होगी, केंद्र सरकार का टिपरा मोथा को वादा

त्रिपुरा में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद गृहमंत्री अमित शाह और टिपरा मोथा के नेता प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा की मुलाक़ात हुई. इस मुलाक़ात में अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार टिपरा मोथा के मुद्दों को सुनने और सुलझाने के लिए एक मधयस्थ की नियुक्ति करेगा.

त्रिपुरा में आज यानि 8 मार्च को नई सरकार का गठन हुआ और माणिक साहा दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. अगरतला में हुए शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए.

इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों के कई मुख्यमंत्री और बीजेपी के कई बड़े नेता भी इस समारोह में शामिल थे. लेकिन पत्रकारों और लोगों की दिलचस्पी इस समारोह से ज़्यादा इस बात में थी कि त्रिपुरा की जनजातीय पार्टी टिपरा मोथा सरकार में शामिल होगी या नहीं.

माणिक साहा के नेतृत्व में बनी सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री पद ख़ाली भी छोड़े गए हैं. इन सवालों के जवाब आख़िरकार देर शाम को टिपरा मोथा के नेता प्रद्योत किशोर माणिक्य ने एक प्रैस कॉंफ़्रेंस में दिये.

अगरतला में आज टिपरा मोथा के नेता प्रद्योत किशोर माणिक्य और गृहमंत्री अमित शाह की बैठक हुई. यह बैठक लंबी चली और इस बैठक में टिपरा मोथा के नेताओं और गृहमंत्री अमित शाह के बीच राज्य की जनजातीय आबादी के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस बैठक के बाद टिपरा मोथा के नेता प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने मीडिया से बातचीत की. 

उन्होंने कहा, “आज मेरी मुलाक़ात भारत के गृहमंत्री अमित शाह से हुई, इसमें हमारी लंबी बातचीत हुई है. उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि त्रिपुरा के जनजातीय लोगों के मुद्दों को सुलझाने के लिए वे केंद्र सरकार की तरफ़ से एक मध्यस्थ (Interlocuotor) कि नियुक्ति करेगी.”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बेशक बीजेपी चाहती है कि टिपरा मोथा त्रिपुरा सरकार में शामिल हो जाए. लेकिन टिपरा मोथा अभी सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी.

उन्होंने कहा,”यह दो-तीन लोगों को मंत्री बनाने का प्रश्न नहीं है. हमारे लोगों का मुद्दा हल होना चाहिए. वही हमारी प्राथमिकता रहेगी. जब तक उस सवाल का जवाब नहीं मिलता है हम सरकार में शामिल नहीं होंगे.”

उन्होंने कहा कि जब तक टिपरा मोथा को यह भरोसा नहीं हो जाता है कि उनकी अलग राज्य की माँग के संविधानिक समाधान के लिए केंद्र सरकार गंभीरता से काम कर रही है तब तक उनकी पार्टी सरकार में जाने का सोच ही नहीं सकती है.

टिपरा मोथा के नेता प्रद्योत किशोर माणिक्य ने यह उम्मीद जताई है कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने नागालैंड के मसले को सुलझाने के लिए गंभीरता दिखाई है, वैसे ही त्रिपुरा के मामले में भी सरकार गंभीरता दिखाएगी. 

टिपरा मोथा को राज्य के हाल में संपन्न चुनाव में जनजातियों के लिए आरक्षित 20 सीटों में से 13 सीटें मिली हैं. बीजेपी को राज्य में बहुमत मिल गया है लेकिन उसके सहयोगी दल IPFT के साथ उसे बहुमत से सिर्फ़ दो सीटें ही ज़्यादा मिली हैं.

इसलिए बीजेपी चाहती है कि त्रिपुरा में टिपरा मोथा भी सरकार में शामिल हो. टिपरा मोथा में भी एक हिस्सा है जो चाहता है कि पार्टी को सरकार में शामिल हो कर जनजातीय इलाक़ों के विकास के लिए काम करना चाहिए.

लेकिन पार्टी के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य ने इस चुनाव में जनजातीय लोगों को यह विश्वास दिला दिया था कि वे ग्रेटर टिपरालैंड से कम पर किसी भी पार्टी से समझौता नहीं करेंगे.

 

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