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छत्तीसगढ़: स्कूलों में हफ्ते में एक दिन छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोली की लगेगी क्लास

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत बालवाड़ी (kindergarten schools) योजना शुरू की है. चालू शैक्षणिक वर्ष में राज्य भर में कम से कम 5 हज़ार 173 बालवाड़ी खोले गए हैं और इस योजना का चरणबद्ध तरीके से और विस्तार किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में अब हफ्ते में एक दिन छत्तीसगढ़ी (Chhattisgarhi) और आदिवासी बोली (Tribal dialects) की शिक्षा दी जाएगी. जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बीते सोमवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने शिक्षक दिवस के मौके पर घोषणा की है कि राज्य में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में अब हफ्ते में एक दिन छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोली की शिक्षा दी जाएगी, जिसके लिए शैक्षणिक सामग्री भी तैयार की जा रही है.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में वहां की स्थानीय आदिवासी बोलियों के अनुसार और बाकी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पाठ्य सामग्री तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि हफ्ते में एक दिन छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई से स्थानीय भाषा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों में पढ़ाई के प्रति लगाव उत्पन्न होगा.

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, ‘‘भारत की संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में संस्कृत विषय की भी पढ़ाई होगी.‘‘ अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों (Swami Atmanand Government English Medium Schools) में कंप्यूटर शिक्षा को भी मुख्यमंत्री ने अनिवार्य करने की बात कही है.

साथ ही सीएम बघेल ने 5 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत बालवाड़ी (kindergarten schools) योजना शुरू की है. अधिकारी ने कहा कि चालू शैक्षणिक वर्ष में राज्य भर में कम से कम 5 हज़ार 173 बालवाड़ी खोले गए हैं और इस योजना का चरणबद्ध तरीके से और विस्तार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री बघेल ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा है, ‘‘शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करे और इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नवाचार को अपना रही है.’’

दरअसल राज्य में छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विशेष पहल की जा रही है. छत्तीसगढ़ी लिखने, बोलने वालों को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है. अब स्कूलों में भी छत्तीसगढ़ी भाषा की पाठ्य समाग्री उपलब्ध कराई जा रही है. इसकी क्लास भी लगाई जाएगी.

(प्रतिकात्मक तस्वीर)

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