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जसिंता केरकेट्टा: अपने दम पर मुकाम हासिल करने वाली औरतों में कैटरीना कैफ के साथ शामिल आदिवासी महिला

जंसिता केरकेट्टा आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाली हिंदी की पहली युवा कवि एवं लेखिका हैं जिन्हें इस सूची में शामिल किया गया है.

झारखंड की युवा कवि और स्वतंत्र पत्रकार जंसिता केरकेट्टा ने फोर्ब्स इंडिया की सेल्फ मेड वुमन की सूची में अपनी जगह बनाई है. साल 2022 की लिस्ट में जंसिता केरकेट्टा को जगह मिली है. भारत में अलग- अलग क्षेत्र की कुल 22 महिलाओं को इसमें शामिल किया गया है.

फोर्ब्स इंडिया की सूची में शामिल जंसिता केरकेट्टा आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाली हिंदी की पहली युवा कवि एवं लेखिका हैं.

आदिवासी हितों के लिए जंसिता मुखर आवाज हैं. राष्ट्रीय और अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी लेखनी की अलग पहचान है. जसिंता कई सम्मान अपने नाम कर चुकी है. इंडिया टुडे की नई नस्ल नए नुमाइंदे- 2022 की सूची में भी उन्होंने जगह बनाई. वहीं साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ ‘साहित्य आजतक में भी वह शामिल रहीं. पिछले साल ही उन्हें मध्य प्रदेश के मुकुट बिहारी सरोज सम्मान से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2017 में प्रभात खबर ने अपराजिता अवार्ड दिया. 2015 में उन्हें रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार मिला. 2014 में उन्हें एआईपीपी थाईलैंड ने इंडिजिनस वॉयस ऑफ एशिया का रिकॉग्निशन अवार्ड भी मिल चुका है.

जसिंता केरकेट्टा का जन्म 3 अगस्त 1983 में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सारंडा जंगल से सटे मनोहरपुर प्रखंड के खुदपोस गांव में जंसिता का जन्म हुआ.

जसिंता की पहली किताब ‘अंगोर’ साल 2016 में प्रकाशित हुई थी. आदिवाणी प्रकाशन, कोलकाता ने इसे हिंदी- अंगरेजी में प्रकाशित की थी. जसिंता आदिवासी समाज के मौजूदा संकट, पर्यावरण क्षरण, विकास का दुरुपयोग, शोषण, प्रतिरोध, खेमेबंदी, राष्ट्रवाद, बाज़ार, जनमानस की पीड़ा, समाज में महिलाओं की स्थिति, मॉब लिंचिंग जैसे तमाम सामाजिक-राजनीतिक विषयों से जुड़े सामयिक मुद्दों को अपनी कविताओं में शामिल करती है.

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