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केरल की इस आदिवासी बस्ती में अधिकारियों ने 90 साल की बीमार महिला को अनदेखा किया

केरल के मलक्कप्पारा जिले के पास वीरनकुडी आदिवासी कॉलोनी में लगभग 90 वर्षीय एक आदिवासी महिला कथित तौर पर इलाज में देरी के कारण कीड़ों से संक्रमित हालत में अपने घर में मिली हैं.

केरल के मलक्कप्पारा जिले के पास वीरनकुडी आदिवासी कॉलोनी में लगभग 90 वर्षीय एक आदिवासी महिला कथित तौर पर इलाज में देरी के कारण कीड़ों से संक्रमित हालत में अपने घर में मिली हैं.

हालांकि, पास के वेटिलप्पारा स्वास्थ्य केंद्र की एक मेडिकल टीम सोमवार दोपहर को महिला कमलम्मा को देखने के लिए आई. जिसने दावा किया कि वह बढ़ती उम्र से संबंधित बीमारियों से पीड़ित थी और केवल एक घाव था.

मुथुवर आदिवासी समुदाय से आने वाली कमलम्मा लगभग दो सप्ताह से बीमार थीं. आदिवासी लोगों की शिकायत है कि आदिवासी विभाग के अधिकारियों और स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने कमलम्मा को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के उनके बार-बार अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया.

उनके मुताबिक मीडिया में उनकी हालत के बारे में खबर आने के बाद ही सरकारी मशीनरी हरकत में आई. लोगों का कहना है कि मीडिया में खबर आने के बाद ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के राधाकृष्णन ने अनुसूचित जाति विकास विभाग के निदेशक को कमलम्मा के इलाज के लिए तुरंत एक मेडिकल टीम भेजने का निर्देश दिया.

त्रिशूर के ज़िला कलेक्टर वीआर कृष्णा थेजा ने आदिवासी विकास अधिकारी को तुरंत आदिवासी कॉलोनी पहुंचने और महिला को अस्पताल में भेजने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

एक जानकारी के मुताबिक इस कॉलोनी तक पहुंचने के लिए कोई परिवहन सुविधा उपलब्ध नहीं है.आदिवासी कॉलोनी के निवासियों ने शिकायत की है उन्हें मलकप्पारा तक पहुंचने के लिए 4 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है. इसलिए वहां के लोग अक्सर बीमार लोगों को अपने कंधों पर उठाकर अस्पताल तक ले जाते हैं.

इसके अलावा कॉलोनी के वार्ड सदस्य सहित लोगों की शिकायतों पर न तो स्वास्थ्य विभाग और न ही आदिवासी विभाग ध्यान देता है. वार्ड सदस्य लिंगलप्पन ने बताया है कि “आदिवासी बस्ती में बीमार लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि वह किसी भी अधिकारी से मिलने में असमर्थ थे क्योंकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उन्हें जंगल के ऊंचे रास्ते पर चलने से रोक रही थीं. चलाकुडी के जनजातीय विकास अधिकारी हेराल्ड जॉन ने मीडिया से बताया कि कमलम्मा जिनकी उम्र 100 साल के करीब है और जो उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं.

उनसे शनिवार को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की एक टीम ने मुलाकात की. अधिकारी ने कहा कि हालांकि मेडिकल टीम ने कलम्मा को अस्पताल में भर्ती करने का सुझाव दिया है लेकिन उनके परिवार वाले ऐसा नहीं चाहते हैं. हमने सोमवार को एक बार फिर कोशिश की.

उनका घर मलक्कप्पारा से लगभग 7 किमी गहरे जंगलों में या सड़क मार्ग से 4 किमी दूर स्थित है. उम्र संबंधी समस्याओं के कारण कमलम्मा अपनी लगभग 80 प्रतिशत गतिशीलता खो चुकी हैं.

कमलम्मा मुथुवन आदिवासी समुदाय से हैं, जो आम तौर पर अन्य समुदायों के साथ बातचीत नहीं करना पसंद करते हैं. इन दावों के बीच मंत्री ने हस्तक्षेप किया और अनुसूचित जाति विकास विभाग के निदेशक को कमलम्मा को इलाज प्रदान करने और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करने के लिए कहा है.

मलक्कप्पारा केरल और तमिलनाडु के बीच की सीमा पर स्थित है, जो केरल के निकटतम शहर चलाकुडी से लगभग 90 किमी दूर में स्थित है.

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