HomeAdivasi Dailyखरसावां: जब नए साल के जश्न में डूबे देश ने 2000 आदिवासियों...

खरसावां: जब नए साल के जश्न में डूबे देश ने 2000 आदिवासियों को गोलियों से भून दिया

बताया जाता है कि जिस तरह से जलियाँवाला बाग़ कांड में मारे गए लोगों को कुएँ में डाल दिया गया था, कुछ वैसा ही खरसावां में भी किया गया था. यह भी कहा जाता है कि कई अधमरे आदिवासियों को भी इस कुएँ में डाल कर कुएँ को ढक दिया गया था.

1 जनवरी 1948 को जमशेदपुर से क़रीब साठ किलोमीटर दूर खरसावां में हज़ारों आदिवासी जमा थे. कोल्हान के इलाक़े से बड़ी संख्या में लोग इस आदिवासी बहुल क़स्बे में पहुँच रहे थे. ये आदिवासी खरसावां का उड़ीसा में विलय के ऐलान का विरोध कर रहे थे. धीरे धीरे आदिवासियों की तादाद बढ़ती जा रही थी.

यह गुरूवार का दिन था और खरसावां में साप्ताहिक हाट लगता था. इस दिन वैसे भी दूर दराज़ के इलाक़ों से आदिवासी यहाँ पहुँचते थे. लेकिन इस बार आदिवासी साप्ताहिक हाट में नहीं बल्कि अपना देश, अपना राज माँगते हुए यहाँ पहुँचे थे. 

उड़ीसा सरकार ने पूरे इलाक़े को छावनी में तब्दील कर दिया था. आदिवासी नारे लगा रहे थे. उन्हें बताया गया था कि आदिवासी महासभा के नेता जयपाल सिंह मुंडा और दूसरे बड़े आदिवासी नेता उन्हें संबोधित करने वाले हैं.

लेकिन इस बीच में ही पुलिस ने फ़ायरिंग शुरू कर दी. इस फ़ायरिंग में कम से कम 2000 आदिवासी मारे गए, ऐसा बताया जाता है. आज़ाद भारत का यह पहला बड़ा गोलीकांड था. 

इस गोली कांड में मारे गए आदिवासियों की संख्या के बारे में अलग अलग दावे किये जाते रहे हैं. सरकार की तरफ़ से इस गोलीकांड में मारे गए आदिवासियों की सही सही संख्या के बारे में कोई आँकड़ा जारी नहीं हुआ है. 

बताया जाता है कि जिस तरह से जलियाँवाला बाग़ कांड में मारे गए लोगों को कुएँ में डाल दिया गया था, कुछ वैसा ही खरसावां में भी किया गया था. यह भी कहा जाता है कि कई अधमरे आदिवासियों को भी इस कुएँ में डाल कर कुएँ को ढक दिया गया था. 

दरअसल उस समय के बिहार और आज के झारखंड में आदिवासी लंबे समय से अलग राज्य की माँग कर रहे थे. लेकिन जब जयपाल सिंह मुंडा ने आदिवासी महासभा की कमान सँभाल ली तो इस माँग को काफ़ी मज़बूती मिल गई थी.

जयपाल सिंह मुंडा

आदिवासियों के कई छोटे छोटे संगठन एक हो गए थे और जयपाल सिंह मुंडा अब उनके एक बडे़ नेता बन गए थे. कहा जाता है कि कोल्हान इलाक़े के आदिवासियों को सूचना मिली थी कि 1 जनवरी को साप्ताहिक हाट में जयपाल सिंह मुंडा आदिवासी जनसभा को संबोधित करेंगे. लेकिन जनसभा से पहले ही पुलिस ने आदिवासियों पर पुलिस फ़ायरिंग कर दी थी. 

इस गोली कांड के बाद खरसवां का उड़ीसा में विलय रोक दिया गया था. आज यह आदिवासी बहुल क़स्बा झारखंड का ऐतिहासिक स्थल बन चुका है. इस जगह पर आदिवासियों के पुरखों ने अपना देश , अपना राज के नारे लगाते हुए जान की बाज़ी लगा दी थी. अब हर साल खरसावां में मारे गए आदिवासियों को श्रद्धांजली दी जाती है. 

उड़ीसा सरकार ने पूरे इलाक़े को छावनी में तब्दील कर दिया था. आदिवासी नारे लगा रहे थे. उन्हें बताया गया था कि आदिवासी महासभा के नेता जयपाल सिंह मुंडा और दूसरे बड़े आदिवासी नेता उन्हें संबोधित करने वाले हैं.

लेकिन इस बीच में ही पुलिस ने फ़ायरिंग शुरू कर दी. इस फ़ायरिंग में कम से कम 2000 आदिवासी मारे गए, ऐसा बताया जाता है. आज़ाद भारत का यह पहला बड़ा गोलीकांड था. 

इस गोली कांड में मारे गए आदिवासियों की संख्या के बारे में अलग अलग दावे किये जाते रहे हैं. सरकार की तरफ़ से इस गोलीकांड में मारे गए आदिवासियों की सही सही संख्या के बारे में कोई आँकड़ा जारी नहीं हुआ है. 

बताया जाता है कि जिस तरह से जलियाँवाला बाग़ कांड में मारे गए लोगों को कुएँ में डाल दिया गया था, कुछ वैसा ही खरसावां में भी किया गया था. यह भी कहा जाता है कि कई अधमरे आदिवासियों को भी इस कुएँ में डाल कर कुएँ को ढक दिया गया था. 

दरअसल उस समय के बिहार और आज के झारखंड में आदिवासी लंबे समय से अलग राज्य की माँग कर रहे थे. लेकिन जब जयपाल सिंह मुंडा ने आदिवासी महासभा की कमान सँभाल ली तो इस माँग को काफ़ी मज़बूती मिल गई थी.

आदिवासियों के कई छोटे छोटे संगठन एक हो गए थे और जयपाल सिंह मुंडा अब उनके एक बडे़ नेता बन गए थे. कहा जाता है कि कोल्हान इलाक़े के आदिवासियों को सूचना मिली थी कि 1 जनवरी को साप्ताहिक हाट में जयपाल सिंह मुंडा आदिवासी जनसभा को संबोधित करेंगे. लेकिन जनसभा से पहले ही पुलिस ने आदिवासियों पर पुलिस फ़ायरिंग कर दी थी. 

इस गोली कांड के बाद खरसवां का उड़ीसा में विलय रोक दिया गया था. आज यह आदिवासी बहुल क़स्बा झारखंड का ऐतिहासिक स्थल बन चुका है. इस जगह पर आदिवासियों के पुरखों ने अपना देश , अपना राज के नारे लगाते हुए जान की बाज़ी लगा दी थी. अब हर साल खरसावां में मारे गए आदिवासियों को श्रद्धांजली दी जाती है. 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments