विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह यानि पीवीटीजी समुदायों के छोटे बच्चों के लिए वैन में मोबाइल स्कूलों की पहल हाल ही में भुवनेश्वर में शुरू हुई है. ‘स्कूल संजोग प्रोग्राम’ नाम से शुरु हुई यह पहल UNICEF, ओडिशा एसटी/एससी विकास विभाग, BGVS, सिख्यासंधन ने मिलकर की है.
इस योजना के ज़रिए पीवीटीजी समुदायों के कक्षा 1 से 4 के बीच के बच्चों, जो कोविड-19 महामारी की वजह से स्कूलों से बाहर हो गए थे, को फिर से स्कूल की ओर लाया जा रहा है.
उम्मीद की जा रही है कि मोबाइल स्कूल के माध्यम से पीवीटीजी बच्चों की शिक्षा में आई रुकावट को दूर किया जा सकेगा, और स्कूल ड्रॉपआउट रेट को कम किया जा सकेगा. ‘मोबाइल स्कूल इन ए वैन’ को ख़ासतौर पर बच्चों को आकर्षित करने के डिज़ाइन किया गया है. इसमें ऑडियो-विज़ुएल उपकरण, कक्षा 1-4 के बच्चों के लिए किताबें, साइंस किट, स्पोर्ट्स किट, और स्वच्छता शिक्षा किट इस्तेमाल की जा रही हैं.
कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह स्कूल एक खुली जगह में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा चलाए जाएंगे. हर सेशन दो घंटे का होगा.
‘मोबाइल स्कूल इन ए वैन’ का लक्ष्य ओडिशा के दस जिलों (क्योंझर, जाजपुर, मयूरभंज, अंगुल, गजपति, रायगढ़, कालाहांडी, मलकानगिरी, कंधमाल, और गंजम) और लगभग 1000 गाँवों को कवर करना है.
कार्यक्रम के लॉन्च के दौरान एससी एसटी विकास मंत्री जगन्नाथ सरका ने कहा, “शिक्षा एक शक्तिशाली उपकरण हैं. पीवीटीजी समुदायों में बच्चों के लिए यह हमेशा एक चुनौती रही है और महामारी की वजह स्कूलों के बंद होने से स्थिति और ख़राब हो गई है. स्कूल संजोग कार्यक्रम पीवीटीजी इलाक़ों के उन बच्चों तक पहुंचने में मदद करेगा, जो पीछे छूट रहे हैं.”
स्कूल संजोग कार्यक्रम के ज़रिए बाल विवाह, बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में उनके माता-पिता के बीच जागरुकता पैदा करने का भी प्लान है. कार्यक्रम से क़रीब 60,000 पीवीटीजी लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है.