विधानसभा चुनाव से पहले नगालैंड के विभाजन का मुद्दा काफी जोर पकड़ रहा है. इस मांग को लेकर अब राज्य के कोन्याक संघ ने विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है.
कोन्याक संघ ने बुधवार को आयोजित एक आपातकालीन बैठक में ये फैसला लिया. संघ ने मीडिया को दी जानकारी में बताया कि संघ पूर्वी नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) द्वारा अगस्त 2022 में पारित संकल्प पर दृढ़ है. ENPO ने इस संकल्प में 2023 के विधानसभा चुनावों से दूर रहने का फैसला किया था. इस संकल्प में कहा गया था कि जब तक कि भारत सरकार अलग राज्य के लिए ईएनपीओ की मांग को उपयुक्त रूप से स्वीकार नहीं कर लेती तब तक वो चुनाव में भाग नहीं लेगा.
इतना ही नहीं बुधवार को हुई बैठक में ये भी संकल्प लिया गया कि अगर कोन्याक इलाकों से इस चुनाव में भाग लेने के लिए नामांकन दाखिल करने वाले व्यक्तियों को स्थायी रूप से निष्कासित कर दिया जाएगा. और ऐसे व्यक्तियों के गांव को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
संघ ने बताया कि उन्होंने कोन्याक न्यूपु शेको खोंग (KNSK), कोन्याक छात्र संघ (KSU) और ग्राम परिषदों को पूरी तरह से समर्थन दिया है और संकल्प को पूरी तरह से लागू करने का अधिकार दिया है.
नागालैंड में 60 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से पूर्वी नागालैंड में 20 सीटें हैं. नगालैंड में 27 फरवरी को मतदान होगा.
पूर्वी नागालैंड के शीर्ष आदिवासी संगठन ENPO जो की एक अलग राज्य की मांग कर रहा है, ने हाल ही में एके मिश्रा के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी. इस दौरान आदिवासी संगठन ने मांग पूरी नहीं होने पर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी दी थी.
दिसंबर में ही गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग का अध्ययन करने के लिए राज्य के दौरे पर थी.
इसी मांग को लेकर पूर्वी नागालैंड क्षेत्र की सात जनजातियों ने हॉर्नबिल महोत्सव में भाग नहीं लिया था. पूर्वी नागालैंड में – चांग, खियमनिउंगन, कोन्याक, फोम, तिखिर, संगतम और यिम्ख्युंग जनजातियां है जो राज्य के छह जिलों में फैली हुई हैं.
नगालैंड: कोन्याक आदिवासी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार पर अडिग
नागालैंड में 60 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से पूर्वी नागालैंड में 20 सीटें हैं. नगालैंड में 27 फरवरी को मतदान होगा.