HomeAdivasi Dailyत्रिपुरा एडीसी भर्ती परीक्षा में 'आंसर की' लीक मामले में गिरफ़्तारी हुई

त्रिपुरा एडीसी भर्ती परीक्षा में ‘आंसर की’ लीक मामले में गिरफ़्तारी हुई

इस मामले में एक छोटे से दुकानदार को ही ग़िरफ़्तार किया गया है. जबकि इस अपराध में बड़े लोग शामिल हैं.

त्रिपुरा के क्षेत्रीय विकास अधिकारी (Deputy Principal Officer) और उप प्रधान अधिकारी (Sub Zonal Development Officer) के 110 पदों के लिए 9 जून को परीक्षा होनी थी. लेकिन जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद ( Tripura Tribal Areas Autonomous District Council ) ने परीक्षा से ठीक एक दिन पहले परीक्षा को स्थगित कर दिया.

परीक्षा की आंसर की (Answer key) के लीक होने की वजह से परीक्षा को स्थगित किया गया है. इस मामले में त्रिपुरा पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया है.

यह परीक्षा 16 जून को तय थी. लेकिन इच्छुक उम्मीदवारों के अनुरोध पर इस परीक्षा को 9 जून, 2024 को करवाने का फैसला लिया गया था.

क्योंकि यूपीएससी प्रीलिम्स (UPSC Prelims) की तारीख भी 16 जून की ही है.

पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन के प्रभारी परितोष दास ने बताया कि भर्ती बोर्ड के सदस्य प्रदीप देबबर्मा से आंसर की (Answer key) के लीक होने की शिकायत मिली थी.

एफआईआर में सुजॉय घोष और चयन साहा का नाम था. जांच अधिकारी ने चयन साहा को हिरासत में ले लिया है. साहा अगरतला के चौमुहानी इलाके में रहता है और शहर में एक फोटोकॉपी की दुकान चलाता है.  

प्रभारी परितोष दास ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार विधि कार्य विभाग के पूर्व सचिव दातामोहन जमातिया जो अब भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं उन्होंने यह आंसर की निकालकर साहा तक पहुंचाई थी.  

शनिवार को त्रिपुरा एडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी के जमातिया ने कहा कि  त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTADC) में उप क्षेत्रीय विकास अधिकारी और उप प्रधान अधिकारी के 110 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन दिया गया था.

इस प्रतियोगी परीक्षा को आयोजित करने के लिए सभी तैयारियाँ हो चुकी थी. आंसर की लीक होने के कारण परीक्षा को फिलहाल स्थगित किया गया है.

टिपरा मोथा पार्टी के संस्थापक प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने सोमवार को पुलिस महानिदेशक अमिताभ रंजन को पत्र लिखकर भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी लीक होने के मामले की निष्पक्ष और तीव्र जांच का अनुरोध किया.

देबबर्मा ने ऐसी घटनाओं से परीक्षार्थियों में परीक्षा प्रणाली के प्रति अविश्वास और संदेह उत्पन्न होने की बात कही.

अफ़सोस की बात है कि इस मामले में एक छोटे से दुकानदार को ही ग़िरफ़्तार किया गया है. जबकि इस अपराध में बड़े लोग शामिल हैं.

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