आदिवासी समुदायों का उत्थान और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना आज के समय की एक महत्वपूर्ण चुनौती है.
इसी संबंध में तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने किसी पद पर पहुंच चुके आदिवासी छात्रों को अपने समुदाय के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया.
राज्यपाल ने शिक्षा और अनुभव के महत्व पर ज़ोर दिया और इस बात पर प्रकाश डालने का प्रयास किया कि कैसे पूर्व छात्र अपने अनुभवों से नए आदिवासी पीढ़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे सकते हैं.
तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने शुक्रवार को जवाधु पहाड़ियों के गुनिगंतुर गांव में एक मंजिला स्कूल भवन ‘ट्राइबल भवन’ के उद्घाटन समारोह में कहा कि जो आदिवासी छात्र अपने करियर में सफल हो चुके हैं, उन्हें अपने मूल स्थान पर लौटकर अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करना चाहिए.
राज्यपाल का मानना है कि इससे उन्हें अपने समुदाय की सेवा करने का मौका मिल जाएगा और युवा पीढी को भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा.
उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में स्थित शैक्षणिक संस्थानों को अपने पूर्व छात्रों के साथ मिलकर एक एल्यूमिनी एसोसिएशन बनानी चाहिए. ऐसा करने से वर्तमान छात्रों को अनुभव और जानकारी मिलेगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा.
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए 75 साल से ज़्यादा समय हो गया है लेकिन अभी भी आदिवासी समुदाय सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिहाज़ से पीछे है.
सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट (SFRD) ने 50 लाख रूपये की लागत से यह एक मंज़िला इमारत बनाई है. इस स्कूल में लगभग 2,250 छात्र हैं जिसमें से 950 आदिवासी लड़कियाँ हैं.
उद्घाटन समारोह के दौरान राज्यपाल ने स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं का भी निरीक्षण किया और छात्रों से बातचीत की.
इसके बाद राज्यपाल ने पहाड़ियों के विलनकुप्पम गांव में आदिवासी बुजुर्गों से भी बातचीत की.