आदिवासी विश्वविद्यालय के लिए साइट को अंतिम रूप देना आख़िरी चरण में आ गया है क्योंकि आंध्र प्रदेश के केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (CTUAP) की स्थापना के लिए साइट चयन समिति (SSC) ने केंद्र सरकार को अपनी मंजूरी दे दी है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव रजनीश जियान सहित केंद्रीय टीम ने इस साल सितंबर के अंतिम हफ्ते में साइट का दौरा किया था. साइट का निरीक्षण करने के बाद समिति ने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित साइट को हरी झंडी दे दी थी.
आंध्र प्रदेश सरकार ने विजयनगरम जिले में मेंटाडा मंडल के मेदापल्ली राजस्व गांव और दत्तीराजेरू मंडल की सीमा के मारिवलासा गांव में 561 एकड़ जमीन की पेशकश की थी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव रविशंकर ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश उच्च शिक्षा के विशेष मुख्य सचिव सतीश चंद्र से अनुरोध किया कि वे जल्द से जल्द आंध्र प्रदेश के केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के नाम पर पहचान की गई भूमि के हस्तांतरण के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू करें.
दरअसल एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने विश्वविद्यालय के लिए विजयनगरम जिले में कई स्थानों का सत्यापन करने के बाद कोठावलासा के पास रेलिव गांव में लगभग 520 एकड़ भूमि आवंटित की थी.
वहीं वर्तमान सरकार ने भी कई स्थानों की खोज की और वर्तमान भूमि पार्सल को अंतिम रूप दिया. हालांकि विपक्षी दलों ने सरकार से पहले निर्माण के लिए नियोजित उसी स्थान को जारी रखने की मांग की.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर टीवी कट्टिमणि को 2020 के अगस्त महीने में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था. विश्वविद्यालय शैक्षणिक वर्ष 2019 में विजयनगरम जिले में एक अस्थायी परिसर में शुरू किया गया था.
सूत्रों ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार एक दो हफ्ते में आदिवासी विश्वविद्यालय के नाम पर पहचान की गई जमीन को हस्तांतरित कर देगी.