HomeAdivasi Dailyपुलिस हिरासत में पिटाई के बाद आदिवासी लड़के ने आत्महत्या कर ली

पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद आदिवासी लड़के ने आत्महत्या कर ली

नागाराजू के परिवार और आदिवासी कार्यकर्ताओं ने उसके शव के साथ दस्तूराबाद मंडल पुलिस कार्यालय पर धरना किया था. इस धरने में शामिल लोगों को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जिस पुलिस कर्मी पर नागाराजू को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप है उसकी जांच होगी.

तेलंगाना के निर्मल ज़िले में एक आदिवासी युवक ने आत्महत्या कर ली है. मडावी नागाराजू के परिवार का आरोप है कि एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने उसकी पिटाई कर दी थी. इसके बाद नागाराजू बेहद परेशान और डिप्रेशन में था. 

परिवार का कहना है कि नागाराजू अपने एक रिश्तेदार के घर से लौट रहा था. रास्ते में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने उसे रोक लिया. इस पुलिस अफ़सर ने उसकी बाईक जब्त कर ली और नागाराजू की पिटाई भी कर दी.

इस घटना से नागाराजू बेहद परेशान हो गया और उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. पुलिस के अनुसार नागाराजू की मौत करीमनगर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी.

नागाराजू के परिवार और कुछ आदिवासी संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने इस पुलिस अफ़सर के खिलाफ़ प्रदर्शन भी किया है. नागाराजू का परिवार मांग कर रहा है कि इस मामले में दोषी पुलिस अफ़सर के खिलाफ़ उचित कार्रावाई की जानी चाहिए.

परिवार का कहना है कि ज्योतिमनी नाम के पुलिस ऑफिसर ने नागाराजू को शराब पी कर गाड़ी चलाने के मामले में पकड़ लिया था. उसके बाद इस अफ़सर ने हिरासत में नागाराजू की जबरदस्त पिटाई की थी.

नागाराजू के परिवार और आदिवासी कार्यकर्ताओं ने उसके शव के साथ दस्तूराबाद मंडल पुलिस कार्यालय पर धरना किया था. इस धरने में शामिल लोगों को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जिस पुलिस कर्मी पर नागाराजू को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप है उसकी जांच होगी. 

पुलिस ने नागाराजू के परिवार और आदिवासी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ़ कार्रावाई ज़रूर की जाएगी.

पुलिस के आश्वासन के बाद नागराजू के परिवार ने धरना ख़त्म किया और उसका अंतिम संस्कार किया गया. 

तेलंगाना का निर्मल ज़िला एक समय में आदिलाबाद जिले का हिस्सा रहा है. आदिलाबाद में कुल आबादी का 30 प्रतिशत से ज़्यादा आदिवासी है. यहां कई आदिवासी समुदाय रहते हैं. इनमें से गोंड आदिवासी समुदाय को संख्या के हिसाब से सबसे बड़ा समूह बताया जाता है. 

आदिलाबाद एक समय माओवादी संगठन का प्रभाव क्षेत्र रहा है. एक बार फिर से ये ख़बरें आ रही हैं कि आदिलाबाद में माओवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं.

सरकार के हवाले से छपी ख़बरें बताती हैं कि छत्तीसगढ़ में माओवादियों पर बढ़ते दबाव के बाद माओवादी आदिलाबाद को फिर से अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

पिछले कुछ महीनों से तेलंगाना से लगातार इस तरह की ख़बरें मिलती रही हैं.

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