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आंध्र प्रदेश: शेड होने के बावजूद आदिवासी सड़को पर क्यों लगा रहे है बाजार

आंध्र प्रदेश आदिवासी संयुक्त कार्रवाई समिति के जिला संयोजक, रामा राव डोरा ने कहा कि यह शेड उन जगहों पर बनाए गए हैं, जहां लोग नहीं जाते हैं इसलिए आदिवासी ये साप्ताहिक बाजार सड़कों पर लगा रहे हैं.

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापट्टनम (Vishakhapatnam) में राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए सांता यानि साप्ताहिक बाजार (Santa weekly market) के लिए शेड बनाए गए थे. लेकिन आदिवासी बनाए गए इन शेड (shed for tribal shops) से नाखुश हैं.

ये शेड विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के लिए बनाए गए थे, ताकि वे इन बाजारों में आकर सामान बेच और खरीद सके.

आदिवासी क्षेत्रों के ज्यादातर लोग इस साप्ताहिक बाजार पर निर्भर हैं. क्योंकि आदिवासी रोजर्मरा की वस्तुओं को खरीदने के लिए सप्ताह में एक बार बाजार जरूर आते हैं.

ये शेड आमतौर पर किसी गाँव के पास या सड़क के किनारे खुले इलाकों में स्थापित किए जाते हैं, जहाँ आसपास के गाँवों के लोग सप्ताह में एक बार अपनी खरीदारी करने के लिए पहुँचते है.

यह एक तरह से ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के अस्थायी शॉपिंग मॉल हैं.

आदिवासी सड़को पर बाजार लगाने के लिए मजबूर

ग्रामीण और आदिवासियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने हुकुमपेट, किंचुमंदा, जी. मदुगुला, वंतलामिडी जैसे आदिवासी क्षेत्रों में 4 लाख की लागत से 40 शेड का निर्माण किया था.

लेकिन इन शेडों का निर्माण स्थानीय आदिवासी नेताओं की इच्छा के विरुद्ध किया गया था. आदिवासी नेता इन शेड का निर्माण ज्यादा भीड़भाड वाली जगहों पर करवाना चाहते थे.

आदिवासी किसान शेड में दुकान लगाने की जगह सड़कों पर दुकानें लगा रहे हैं, जिससे अन्य यात्रियों को परेशानी हो रही है.

इसी सिलसिले में आंध्र प्रदेश आदिवासी संयुक्त कार्रवाई समिति के जिला संयोजक, रामा राव डोरा ने कहा कि यह शेड उन जगहों पर बनाए गए हैं, जहां लोग नहीं जाते हैं इसलिए आदिवासी ये साप्ताहिक बाजार सड़कों पर लगा रहे हैं.

उन्होंने ये भी बताया की इस शेड की स्थापना सरकार द्वारा 2004 में की गई थी.

यह बाजार आदिवासी किसानों के लिए इसलिए भी मददगार साबित नहीं हुए, क्योंकि बाजार क्षेत्र में अन्य दुकानें भी लगाई जा रही है.

इसलिए किसानों के लिए साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाना और अन्य दुकानदारों से प्रतियोग्यता करना बहुत कठिन होता जा रहा है.

यही कारण है की उनके पास सड़कों पर अपनी दुकान लगाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.

इसके अलावा गुतुलपुट्टू में यह शेड जनता के हिसाब से बहुत छोटा होता जा रहा है, इसलिए बाजार को विस्तार करने की भी जरूरत है.

रामा राव ने ये भी दावा किया की प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रही हैं, इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से ये मांग की है की वे बाजार की इन समस्यों पर जल्द से जल्द कोई कार्रवाई करे.

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