HomeAdivasi Dailyछत्तीसगढ़: आदिवासी आरक्षण के मसले पर आंदोलन करेगी बीजेपी

छत्तीसगढ़: आदिवासी आरक्षण के मसले पर आंदोलन करेगी बीजेपी

कुछ दिन पहले बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश में 58 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर दिया था. ये मामला 2011 में सरकारी नियुक्ति सहित अन्य दाखिला परीक्षा में आरक्षण से जुड़ा है. इस मामले में  हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण के असंवैधानिक बताते हुए आरक्षण को रद्द कर दिया. 

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आदिवासी आरक्षण (Tribal Reservation) के मुद्दे पर बहस हो रही है. इस मुद्दे पर बीजेपी (BJP) के आदिवासी नेताओं ने अक्टूबर में दुर्ग, सरगुजा और बस्तर संभाग में नेशनल हाइवे जाम करने का फैसला किया है. यानि बीजेपी आदिवासी आरक्षण के लिए कांग्रेस (Congress) को घेरने के लिए रणनीति बना रही है.

 वहीं सत्ताधारी कांग्रेस बीजेपी के इस आंदोलन को नौटंकी बता रही है.

शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में बीजेपी के 4 बड़े आदिवासी नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह ऐलान किया था. बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने आरक्षण मामले पर कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी है. 

उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार में आदिवासियों के साथ छल किया है. इसका आदिवासी समाज  कांग्रेस सरकार को  करारा जवाब देगी. उन्होंने आगे  कहा कि भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के नेतृत्व में आदिवासी समाज प्रदेश सरकार के खिलाफ बस्तर, सरगुजा और दुर्ग संभाग के नेशनल हाईवे जाम करके उग्र आंदोलन करेगी. 

वहीं उन्होंने कांग्रेस पार्टी के आदिवासी विधायक और मंत्रियों से पूछा है कि  स्पष्ट करें कि वह अनुसूचित जनजाति समाज के साथ हैं या फिर शासन के साथ.

पूर्व मंत्री और बीजेपी प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने प्रेस कांफ्रेंस में आंदोलन की रूपरेखा बताते हुए कहा कि  9 अक्टूबर  से 12 अक्टूबर तक ग्राम संपर्क अभियान चलाकर जनजाति समाज के द्वारा आरक्षण में किए गए कमी को बढ़ाने के लिए  एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. 

13 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक मध्य बस्तर और सरगुजा संभाग की  कांग्रेस के जनजाति विधायकों के निवास कार्यालय में प्रदर्शन करके घेराव किया जाएगा. दीपावली के बाद भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा द्वारा ब्लॉक स्तर पर बाइक रैली निकालकर प्रदेश सरकार का विरोध करेंगे.

इधर, कांग्रेस ने बीजेपी के आंदोलन को नौटंकी बताया है और कहा है कि आरक्षण घटने के लिए पूर्ववर्ती रमन सरकार दोषी है.  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस आदिवासी समाज के सामने भाजपा की इस मंशा को बेनकाब करेगी. 

कांग्रेस बतायेगी रमन सरकार ने जानबूझकर ऐसा फैसला लिया था जो कोर्ट में रद्द हो जाये. आगे उन्होंने सरकार के अगले कदम को लेकर कहा कि कांग्रेस सरकार बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी है. कांग्रेस आदिवासी समाज के हितो के लिये पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेगी. हमें पूरा-पूरा भरोसा है राज्य के आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग सभी के साथ न्याय होगा.

कुछ दिन पहले बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश में 58 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर दिया है. ये मामला 2011 में सरकारी नियुक्ति सहित अन्य दाखिला परीक्षा में आरक्षण से जुड़ा है. इस मामले में  हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण के असंवैधानिक बताते हुए आरक्षण को रद्द कर दिया. 

इसके बाद छत्तीसगढ़ में वर्गवार आरक्षण की स्थिति पूरी तरह से बदल गई है. आदिवासियों का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है. इस लिए आदिवासी समाज इससे नाराज है.

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