छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज गांधी जयंती के मौक़े पर सुबह से ही आदिवासियों के पहुँचने का सिलसिला शुरू हो गया है. रायपुर से मिली सूचना के अनुसार दोपहर क़रीब 2 बजे से ये आदिवासी रैली शुरू करेंगे.
रायपुर पहुँचे आदिवासियों ने एक पर्चा जारी कर अपने रायपुर आने की वजह बताई है. इसके अनुसार अबूझमाड़ क्षेत्र में आदिवासियों को जबरन विस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस पर्चे में दावा किया गया है कि सरकार ने बेरहबेड़ा, कचेपाल, मोंहदी, गरपा और कई जगहों पर पुलिस कैंप के लिए सैकड़ों एकड़ ज़मीन ली गई है.
इस ज़मीन पर पेड़ों की कटाई भी कर दी गई है. यह सब पेसा का उल्लंघन करते हुए बिना ग्रामसभा की अनुमति के किया गया है. इस पर्चे में कहा गया है कि अबूझमाड़ के इलाक़े में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में कई गाँवों में असमय मौतें हो रही हैं.

आदिवासियों की तरफ़ से जारी इस पर्चे में कहा गया है कि अबूझमाड़ के इलाक़े में मूलभूत सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं. इस पर्चे में कहा गया है कि पाँचवीं अनुसूची का इलाक़ा होने के बावजूद माड़ के इलाक़े में बिना ग्राम सभा के ज़मीन ली जा रही है. इसके अलाव वहाँ पर बिना ग्राम सभा से सहमति लिए खनन का काम भी हो रहा है.
आज की रैली में छत्तीसगढ़ के 20 से ज़्यादा आदिवासी संगठन शामिल हो रहे हैं. दोपहर को दो बजे सभी आदिवासी गोंडवाना भवन पर पहुँचेंगे. इस रैली में बस्तर के अलावा सरगुजा और छत्तीसगढ़ के कई और ज़िलों से भी लोग शामिल हो रहे हैं.
इस रैली में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, सर्व आदिवासी समाज, हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन और कई और संगठन शामिल हैं. आज की रैली में हसदेव में ज़बरदस्ती पेड़ कटाई और आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं को परेशान करने का मामला भी उठेगा.