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आदिवासी इलाकों में भी होंगी पक्की सड़कें, कैबिनेट ने 32,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण को दी मंजूरी

कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) बाकी को पूरा करने के लिए योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाया. 9 राज्यों के 44 जिलों में 2016 से अब तक 4490 किमी लंबी सड़क और 105 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है. 5714 किमी लंबी सड़क व 358 पुलों का कार्य अभी अधर में है.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अगले फेज़ को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस फेज़ में आदिवासी क्षेत्रों में 32,152 किलोमीटर सड़के बनेंगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस फैसले से वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों और आदिवासी इलाकों को फायदा होगा.

इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि ये भी फैसला हुआ है कि 5 राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7266 गांवों में 4G मोबाइल टावर की सुविधा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया.

पीएम ग्राम सड़क योजना

अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज 1 और फेज 2 के अंतर्गत रोड कनेक्टिविटी से जो क्षेत्र रह गए थे. उन इलाकों में सड़कों का निर्माण किया जाएगा और जनजातीय क्षेत्रों को भी इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर कुल मिलाकर 33,822 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित हैं. इसमें केंद्र की 22,978 करोड़ रूपये की हिस्सेदारी होगी.

उन्होंने कहा कि पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत नक्सली इलाकों में तीन चरणों में सड़को का निर्माण किया जाएगा. उनका कहना था कि 2016 से नक्सल प्रभावित नौ राज्यों के 44 जिलों में 4490 किलोमीटर सड़कों तथा 105 पुलों का निर्माण किया जा चुका है. 5714 किमी लंबी सड़क व 358 पुलों का कार्य अभी अधर में है. 1887 किमी लंबी सड़क और 40 पुल अतिरिक्त स्वीकृत की गई है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PMGSY-I और II को अगले साल सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया है. इसका लक्ष्य मैदानी इलाकों, उत्तर-पूर्व और हिमालयी राज्यों में अनकनेक्टेड बस्तियों को जोड़ने है. 1,71,494 बस्तियों में से 1,78,184 बस्तियां जुड़ीं हैं.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब कुल 7601 किलोमीटर सड़क और 398 पुलों के निर्माण का काम भी किया जा रहा है. इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए योजना को मार्च, 2023 तक बढ़ाया जा रहा है, जो संचार और सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं.

5 राज्यों के 7287 गांवों में लगेंगे मोबाइल टावर

 गांवों तक मोबाइल टावरों की पहुंच और ज्यादा बढ़ाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने अहम फैसला लिया है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि ऐसे ज़िले जहां पर टेलिकॉम टावर और कनेक्टिविटी नहीं है.

आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के 44 ऐसे ज़िलों के 7287 गांव में मोबाइल टावर की सुविधाएं दी जाएंगी. उन्होंने ये भी कहा कि फैसला किया गया है कि 4G मोबाइल सेवाएं दी जाएंगी. इस योजना पर 6,466 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है.

परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (UAOF) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा. यह परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 18 महीने के भीतर पूरी हो जाएगी यानि नवंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है.

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