भारत सरकार के पूर्व सचिव और आंध्र प्रदेश जनजाति कल्याण विभाग के पूर्व कमिशनर, ई.ए.एस. सरमा ने एपी मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (APMDC) के विशाखापत्तनम ज़िले के अनंतगिरी मंडल के निम्मलपाडु गाँव में कैलसाइट माइनिंग के लिए जारी किए गए ई-टेंडर की आलोचना की है.
राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि एपीएमडीसी को इस तरह की अधिसूचना जारी करने का एकतरफा अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा है कि यह आधिसूचना PESA कानून और फ़ॉरेस्ट राइट्स एक्ट के प्रावधानों के ख़िलाफ़ है.
एक अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों अधिनियम निम्मलपाडु गांव पर लागू होते हैं, क्योंकि यह विशाखापत्तनम ज़िले के अधिसूचित क्षेत्र के अंदर स्थित है.
PESA कानून के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में खनन जैसी गतिविधि के लिए पहले वहां की आदिवासी ग्राम सभा की मंज़ूरी ज़रूरी है.
सरमा का आरोप है कि लेकिन इस मामले में पूर्व चर्चा नहीं हुई है. एफ़आरए के तहत भी यह ज़रूरी है कि भूमि और वन संसाधनों पर व्यक्तिगत और सामुदायिक अधिकार स्थानीय आदिवासी ग्राम सभा द्वारा पूर्व चर्चा के अधीन हैं.
उन्होंने कहा कि एपीएमडीसी का ई-टेंडर नोटिस अवैध है. एक स्थानीय आदिवासी को-ऑपरेटिव ने ई-टेंडर पर रोक लगाने के लिए आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में अब एक याचिका दायर की है.