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बस्तर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल स्टेडियम तैयार, भूपेश बघेल ने किया उद्घाटन

बस्तर एक आदिवासी बहुल इलाक़ा है. आदिवासी लड़के लड़कियाँ हॉकी, फ़ुटबॉल, तीरंदाज़ी और दूसरे खेलों में माहिर होते हैं. उम्मीद है कि इन नई सुविधाओं के साथ नक्सल और पुलिस हिंसा के बीच फँसे युवा खेलों की तरफ़ बढ़ सकेंगे.

छत्तीसगढ़ का पहला फीफा अप्रूव्ड सिंथेटिक फुटबॉल ग्राउंड बस्तर में बनकर तैयार हो गया है. करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए फुटबॉल ग्राउंड का बस्तर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्घाटन किया. 

मुख्यमंत्री ने जगदलपुर शहर के प्रियदर्शनी इंदिरा स्टेडियम में 56 करोड़ 42 लाख के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. बस्तर में ग्रास रूट लेवल पर फुटबॉल की लोकप्रियता बढ़ाने की भी कवायद की गई है. 

इस सिलसिले में भुवनेश्वर के आर्डोर फुटबॉल अकादमी, बस्तर जिला फुटबॉल संघ और बस्तर जिला प्रशासन के बीच एमओयू किया गया.

मुख्यमंत्री बघेल ने धावकों के साथ दौड़ लगाई

मुख्यमंत्री ने बघेल ने धावकों के साथ स्टेडियम में दौड़ लगाई और फुटबॉल भी खेला. दरअसल प्रियदर्शनी इंदिरा स्टेडियम को खेल परिसर के रूप में विकसित किया गया है. 

स्टेडियम में बास्केटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन, जिम, इंडोर गेम्स और रनिंग ट्रैक बनाया गया है. मुख्यमंत्री ने बस्तर के सभी खिलाड़ियों को शुभकामना देते हुए कहा कि बस्तर के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के खेलों में भाग ले रहे हैं. 

अब सभी सुविधाओं से लैस खेल परिसर और अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल ग्राउंड बनने से बस्तर के युवा अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में जौहर दिखा सकेंगे, इसके अलावा ओलंपिक में भी जगह बना सकेंगे.

राज्य का पहला अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल ग्राउंड

प्रियदर्शनी इंदिरा स्टेडियम खेल परिसर का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री बघेल ने फुटबॉल को किक लगाया,  साथ ही  बच्चों के साथ चेस खेला. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने धावकों के साथ दौड़ लगाई और टेनिस में भी हाथ जमाया. 

जगदलपुर शहर के प्रियदर्शनी इंदिरा स्टेडियम में बने फीफा अप्रूव्ड सिंथेटिक फुटबॉल ग्राउंड विथ रनिंग ट्रैक को फीफा (FIFA) ने अंतरराष्ट्रीय मानक का प्रमाण पत्र जारी किया है. 

अब यहाँ पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल गेम्स भी हो सकेंगे. छत्तीसगढ़ के पहले अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल ग्राउंड के साथ ही बस्तर के आदिवासी युवाओं में खेल की प्रतिभा को उभारने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से खेल परिसर का निर्माण किया गया है. 

बस्तर एक आदिवासी बहुल इलाक़ा है. आदिवासी लड़के लड़कियाँ हॉकी, फ़ुटबॉल, तीरंदाज़ी और दूसरे खेलों में माहिर होते हैं. उम्मीद है कि इन नई सुविधाओं के साथ नक्सल और पुलिस हिंसा के बीच फँसे युवा खेलों की तरफ़ बढ़ सकेंगे.

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