तेलंगाना जनजातीय कल्याण और तेलंगाना समाज कल्याण आवासीय शैक्षणिक संस्थानों के 40 से अधिक बच्चों को आईआईटी में दाखिला मिलने की उम्मीद है.
जिसके बाद जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (Joint seat allocation Authority) 23 आईआईटी (IIT) और 31 एनआईटी (NIT) सहित 121 संस्थानों में दाखिले के लिए सीट का प्रबंध करने की तैयारी कर रही है.
आईआईटी में लगभग 11 हजार सीट है, इनमें से 7.5 प्रतिशत सीट अनुसूचित जनजाति से आने वाले विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं.
तेलंगाना का आदिवासी छात्र, शिव शंकर ने जेईई एडवांस परीक्षा (JEE Advanced Exam) की एसटी श्रेणी में 1,419 रैंक प्राप्त किए है.
शिव को उम्मीद है कि उसे आईआईटी के अच्छे संस्थान में दाखिला मिल जाएगा.
शिव तेलंगाना की चेंचू आदिवासी (Chenchu Tribe) समुदाय से है. चेंचू समुदाय को तेलंगाना में विशेष रूप से कमज़ोर जनजाति (PVTG) की श्रेणी में रखा है.
ऐसा पहली बार होने वाला है की चेंचू समुदाय का कोई छात्र आईआईटी में एडमिशन लेगा.
शिव का अब तक का सफर आसान नहीं रहा. उसके पिता बेरोज़गार है और उसकी बहन की हाल ही सांप के काटने से मौत हो गई. उनकी माता एक स्कूल में सहायक के रूप में काम करती है.
इन सब के बावजूद वे अपना सपना पाने के लिए डटा रहा और कभी हार नहीं मानी.
करीमनगर के रहने वाली आदिवासी लड़की कीर्ति एंगंती ने जेईई एडवांस की परीक्षा में 2,935 वीं रैंक हासिल की है.
उनके पिता किसान है और वह निजी संस्थान की महंगी फीस नहीं दे सकते हैं.
कीर्ति को उम्मीद है कि उसे आईआईटी के अच्छे संस्थान में दाखिल मिल जाएगा.
एसटी वर्ग में 291 रैंक हासिल करने वाले बी चंदूलाल ने कहा की उनके करियर के अब तक के सफर में सरकार ने काफी सहायता की है.
वे 5वीं कक्षा से सरकारी गुरुकुल स्कूल में पढ़ते आए है.
यह माना जा रहा है किजिन भी विद्यार्थियों के जेईई एडवांस परीक्षा में 1500 तक रैंक आई है. उन्हें आईआईटी के अच्छे संस्थानों में एडमिशन मिल सकता है