HomeAdivasi Dailyहाटी समुदाय को जल्द मिलेगा जनजाति का दर्जा: हिमाचल मुख्यमंत्री जय राम...

हाटी समुदाय को जल्द मिलेगा जनजाति का दर्जा: हिमाचल मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर

2009 में, पहली बार, भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने का वादा किया था. इस दिशा में राज्य सरकार ने बहुत पहले केंद्र को एक प्रस्ताव भी भेज दिया था. इसके अलावा तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने भी मुद्दा उठाया गया था.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग को पूरा करेगी.

सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह और जय राम ठाकुर के बीच मुलाकात हुई थी. ठाकुर का कहना है कि इस बैठक में केंद्र ने इस दिशा में “सकारात्मक” प्रयास करने का वादा किया है.

बैठक के बाद, ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “हाटी समुदाय लंबे समय से एसटी का दर्जा मांग रहा है. यह समुदाय 154 पंचायतों में फैला हुआ है और 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी आबादी 2.5 लाख थी, जो अब बढ़कर लगभग 3 लाख हो गई है.”

जय राम ठाकुर ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की

उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग से चार विधानसभा क्षेत्र सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. ये हैं शिलाई, पांवटा साहिब, पछड़ और श्री रेणुका जी. इन निर्वाचन क्षेत्रों के प्रतिनिधि भी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उनके साथ मौजूद थे.

2009 में, पहली बार, भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने का वादा किया था. इस दिशा में राज्य सरकार ने बहुत पहले केंद्र को एक प्रस्ताव भी भेज दिया था. इसके अलावा तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने भी मुद्दा उठाया गया था.

ठाकुर ने उम्मीद जताई है कि केंद्र जल्द ही एक अध्यादेश जारी करेगा या संसद के मानसून सत्र के दौरान हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के लिए एक विधेयक लाएगा.

इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए हट्टी समुदाय की मांग महत्वपूर्ण है.चार विधानसभा सीटों में से जहां हट्टी समुदाय का राजनीतिक प्रभाव है, दो सीटें – पछड़ और पांवटा साहिब – भाजपा ने जीती थीं, जबकि श्री रेणुका जी और शिलाई कांग्रेस ने जीती थीं.

करीब 10 दिन पहले ही हाटी समुदाय के संगठन महाखुंबली में यह फैसला किया गया था कि अगले विधान सभा चुनाव से पहले अगर उनको जनजाति का दर्जा नहीं दिया जाता है, तो वो चुनाव का बहिष्कार करेंगे. ख़बरों के अनुसार सभी 154 ग्राम पंचायतों के लोगों ने इस सभा में हिस्सा लिया था.

इस समुदाय के लोगों को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में जनजाति की सूचि में रखा गया है. इसलिए यह लोग लंबे समय से हिमाचल प्रदेश में भी जनाजाति का दर्जा मांग रहे हैं. इनका कहना है कि उनकी जीवन शैली और भौगोलिक परिस्थितियां बिलकुल वैसी ही हैं जैसी उत्तराखंड के हाटी समुदाय की हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments