गुडलूर में सरकारी ट्राइबल स्कूल (Government Tribal School – GTR) के दो हेड मास्टरों को आदिवासी छात्रों के लिए आवंटित धन के दुरुपयोग के लिए निलंबित कर दिया गया है.
देवला और पोन्नानी जीटीआर स्कूलों के दो हेडमास्टरों पर स्कूलों में लगभग 45 छात्रों के लिए फ़ंड का दुरुपयोग करने का आरोप है. हर छात्र को भोजन और आवास के लिए 7,300 रुपए दिए जाने थे. यह रक़म छात्रों के माता-पिता के खातों में जमा करने के लिए कहा गया था.
यह पैसा उन छात्रों के लिए था जो आमतौर पर इन रेज़िडेंशियल स्कूलों में रहते हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा करने में असमर्थ थे.
दो हेडमास्टर – बक्कियासेनन और शेखर पर आरोप है कि उन्होंने गैर-लाभार्थियों के खातों में रकम जमा करके गलत तरीके से पैसा वसूल किया. प्रभावित छात्रों के माता-पिता द्वारा जनजातीय विभाग को की गई शिकायत के बाद, मामले की जांच हुई.
अधिकारियों को जांच में पता चला है कि पैसा लाभार्थियों के खातों में जमा ही नहीं किया गया.
हेडमास्टर अपने बचाव में कहते हैं कि छात्र आदिवासी समुदाय से हैं, और कई माता-पिता के बैंक खाते नहीं हैं. ऐसे में पैसा उन छात्रों के रिश्तेदारों के खातों में जमा किया गया, जिनके पास बैंक खाते हैं.
फ़िलहाल मामले की जांच जारी है, और यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश है कि पैसा उचित लाभार्थियों तक पहुंचे. इसके अलावा ज़िले के 20 से ज़्यादा दूसरे GTR स्कूलों की भी जांच की जाएगी.
तमिलनाडु की आदिवासी आबादी का तीन प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा नीलगिरी ज़िले में रहता है. इसमें भी आधे से ज़्यादा गुडलूर में रहते हैं.
यहां टोडा, काट्टुनायकन, पनिया, कोटा और इरुला कुरुम्बा समुदाय के लोग रहते हैं.