कोल्हान विश्वविद्यालय में संथाली, हो, कुडुख, कुरमाली और मुंडारी भाषा की पढ़ाई के लिए 159 शिक्षकों के पद सृजित करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को मंजूरी दी.
इसमें असिस्टेंट टीचर के 147, एसोसिएट प्रोफेसर के 8 और प्रोफेसर के 4 पद शामिल हैं. इसमें कुडुख भाषा में 6, संथाली भाषा में 39, हो भाषा में 39, कुरमाली भाषा में 39 और मुंडारी भाषा में 12 शिक्षकों के पद का सृजन होना है. वहीं स्नातकोत्तर केंद्रों में संथाली, हो, कुरमाली और मुंडारी भाषा में 6-6 पद समेत कुल 24 शिक्षकों के पद सृजित किए जाने हैं.
दरअसल हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी यूनिवर्सिटी में क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी थी. इसी के आधार पर यह जानकारी मिली है कि राज्य के अलग अलग कॉलेजों में क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों के 200 से अधिक पद खाली है. राज्य के विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की पढ़ाई सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है.
इससे पहले गुरूवार को आदिवासी छात्र संघ के सदस्यों ने स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों कक्षाओं में संथाली भाषा के लिए शिक्षण स्टाफ की नियुक्ति की मांग को लेकर घाटशिला कॉलेज के गेट को कुछ घंटों के लिए बंद कर प्रदर्शन किया था.
संघ के फानी टुड्डू ने कहा, “घाटशिला कॉलेज की स्थापना आदिवासी बहुल इलाके में की गई थी ताकि स्थानीय लोगों को UG और PG पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने के लिए 45 किलोमीटर दूर जमशेदपुर न जाना पड़े.” उन्होंने कहा कि कॉलेज में 800 से अधिक छात्र हैं और एक बड़ा हिस्सा जो संथाली भाषा का अध्ययन करना चाहता है और वो शिक्षकों की कमी के चलते ऐसा नहीं कर सकता है.
संघ के जिलाध्यक्ष सुपाई सोरेन ने कहा कि पूर्व में संघ के सदस्यों ने कॉलेज के अधिकारियों से मुलाकात की थी और कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति को एक ज्ञापन भी दिया था. लेकिन मांगों को पूरा करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसलिए संघ ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करने का फैसला किया.
सुपाई सोरेन ने कहा कि घाटशिला कॉलेज में संथाली भाषा के विभाग अध्यक्ष किशोरी मोहन हांसदा के निधन के बाद दो साल पहले एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर नरेश कुमार ने छात्र प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की क्योंकि प्रिंसिपल अनुपस्थित थे. सोरेन ने कहा कि कुमार ने फोन पर पूरी घटना की जानकारी प्रिंसिपल को दी. प्रिंसिपल की ओर से नरेश कुमार ने छात्रों को आश्वासन दिया कि अधिकारी मामले को देखेंगे और इसे जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश करेंगे.