HomeAdivasi Dailyकेरल: आदिवासी बस्ती में अकाल मौतों की जांच के आदेश

केरल: आदिवासी बस्ती में अकाल मौतों की जांच के आदेश

आदिवासी बस्ती का दौरा करने पर आयोग के सदस्यों ने पाया कि अकाल मृत्यु की सूची में शामिल लोगों की औसत आयु 40 थी. ट्राइबल एक्स्टेंशन ऑफ़िसर के एक अध्ययन में सामने आया है कि अधिकांश मौतों की वजह लिवर की बीमारी है.

केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Kerala State Commission for Protection of Child Rights) ने कोझीकोड ज़िले के अनक्कमपोयिल आदिवासी बस्ती में संदिग्ध हालात में समय से पहले हुई मौतों की जांच का आदेश दिया है.

कार्रवाई का आदेश आयोग के सदस्यों के. नज़ीर और बी. बबीता द्वारा 26 जून को इलाक़े के दौरे के बाद दिया गया है. अब स्वास्थ्य और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के अधिकारी वैज्ञानिक अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.

आदिवासी बस्ती का दौरा करने पर आयोग के सदस्यों ने पाया कि अकाल मृत्यु की सूची में शामिल लोगों की औसत आयु 40 थी. ट्राइबल एक्स्टेंशन ऑफ़िसर के एक अध्ययन में सामने आया है कि अधिकांश मौतों की वजह लिवर की बीमारी है.

के. नज़ीर ने एक अखबार को बताया कि अनाथ बच्चों को शिक्षा और उनके कल्याण के लिए सामाजिक समर्थन देने के अलावा, उनका पुनर्वास करना भी ज़रूरी है. आदिवासी बस्ती में इस समय छह बच्चे हैं जिन्हें तत्काल पुनर्वास सहायता की ज़रूरत है.

आदिवासी होस्टल खोलने की सिफ़ारिश

एक अस्थायी समाधान के रूप में आयोग ने COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राज्य के सभी ट्राइबल होस्टल को खोलने की सिफ़ारिश की है. इसके पीछे वजह है आदिवासी बस्तियों में छात्रों के पास रहने ने की आरामदायक जगह की कमी.

कई आदिवासी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा भी नहीं मिल रही है, क्योंकि उनकी इंटरनेट और स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं है.

कुछ बस्तियों में अवैध शराब बनाने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, कोझीकोड ग्रामीण पुलिस को लगातार निरीक्षण करने के लिए भी कहा गया है.

मुतप्पनपुझा में अंबेडकर आदिवासी बस्तियों का दौरा करने वाले पैनल के सदस्यों ने कहा कि कई घरों की स्थिति दयनीय है. कई लोगों के पास पीने के पानी का कोई स्रोत नहीं है. ज़िला प्रशासन आदिवासी कल्याण विभाग पर इन मुद्दों के समाधान ढूंढने की ज़िम्मेदारी है.

कोझीकोड में आदिवासी

2011 की जनगणना के अनुसार कोझीकोड में कुल 15228 आदिवासी रहते हैं. ज़िले में काट्टुनायकन और पनिया आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं.

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