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केरल: आदिवासियों के लिए पुल बनाने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

पिछले महीने आयोग ने आदेश दिया था कि एसटीडीडी चार बस्तियों में रहने वाले 100-आदिवासी परिवारों के लिए एक कंक्रीट पुल का निर्माण करे.

केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग (STDD) को एक महीने के अंदर मलप्पुरम ज़िले की पोदुकल पंचायत की चार आदिवासी बस्तियों – इरुट्टुकुत्ती, वनियमपुझा, तरिप्पपोटी और कुंबलप्पारा – को जोड़ने वाले प्रस्तावित कंक्रीट पुल की प्रगति के बारे में आयोग को सूचित करने का निर्देश दिया है. यह पुल निलंबूर के पास चालियार नदी पर बनाया जाना है.

पिछले महीने आयोग ने आदेश दिया था कि एसटीडीडी चार बस्तियों में रहने वाले 100-आदिवासी परिवारों के लिए एक कंक्रीट पुल का निर्माण करे.

2018 की बाढ़ ने मुंडेरी की इन बस्तियों को मेनलैंड से जोड़ने वाले दो पुल नष्ट हो गए थे. इसके बाद से यह आदिवासी परिवार बाहरी दुनिया से लगभग पूरी तरह से कटे हुए हैं.

हालांकि तत्कालीन जिला कलेक्टर जफर मलिक के नेतृत्व में राजस्व विभाग ने अपने साथियों से चंदा इकट्ठा कर हैंगिंग ब्रिज का निर्माण करवाया था, लेकिन 2019 की बाढ़ ने उस ढांचे को भी तहस-नहस कर दिया था.

इसके बाद पिछले साल अक्टूबर में ज़िला कलेक्टर वी.आर. प्रेमकुमोर ने वनियमपुझा का दौरा कर वहां के आदिवासियों के साथ बैठक की. चर्चा के बाद उन्होंने लोक निर्माण विभाग (PWD) के इंजीनियरों को जल्द से जल्द निरीक्षण करने और नदी पर तीन मीटर चौड़े पुल के लिए एक अनुमान तैयार करने के लिए कहा था.

बाहरी दुनिया से कटे घने जंगल में रहने वाले इन आदिवासी परिवारों के लिए पुल का निर्माण जंगल की सीमा के अंदर होना है. लेकिन एक आश्वासन यह है कि वन विभाग ने तीन मीटर लंबे पुल के लिए अपनी सहमति दे दी है.

लेकिन नौ महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक विभिन्न सरकारी विभागों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच पुल के निर्माण कार्य पर कुछ ख़ास प्रगति नहीं हुई है.

यह आदिवासी ख़ासतौर पर मॉनसून के दौरान नदी पार करने के लिए बांस की नाव पर निर्भर रहते हैं, जो इनकी जान जोखिम में डाल रहा है.

अगस्त 2019 में आई बाढ़ में यह इलाक़ा पूरी तरह से तबाह हो गया था. उस बाढ़ में नदी के किनारे की सड़कें और बिजली की लाइनें भी नष्ट हो गई थीं. तब से आदिवासियों को मेनलैंड तक पहुंचने के लिए बांस की नाव का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, क्योंकि बाढ़ बस्तियों को जोड़ने वाले तीनों पुलों को बहा ले गया.

मानवाधिकार आयोग के सदस्य के. बैजूनाथ ने एसटीडीडी निदेशक को एक महीने के भीतर पुल के निर्माण की प्रगति के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

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