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मध्य प्रदेश: राज्यपाल के दौरे के बाद इस आदिवासी शख्स को मिला 14,000 का बिल

बुद्धराम का कहना है कि अफसर आए थे. उन्होंने कहा था राज्यपाल साहब खाना खाएंगे, मजदूर भी लगाए जो आए थे. श्रीमान राज्यपाल जी ने खाना खाया, पंखा लगा दिया. बाद में सरपंच साहब बोले पंखा हमारा है. गेट लगवा दिया सरपंच साहब बोले सेठ के पास चलो जाओ गेट लगवा लो.

मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के घाटखेड़ी गांव में रहने वाले बुद्धराम आदिवासी को प्रधानमंत्री आवास के तहत मकान मिला. अगस्त में राज्यपाल ने उनके घर की चाबी सौंपी, वहां खाना खाया. लेकिन ये वीआईपी दौरा गरीब बुद्धराम आदिवासी को बहुत महंगा पड़ रहा है.

दरअसल, 24 अगस्त को मध्य प्रदेश के राज्यपाल, जिले के दौरे पर ‘गृह प्रवेश’ समारोह में शामिल हुए और उनके कार्यालय ने बुद्धराम के घर पर दोपहर का भोजन निर्धारित किया. राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने घाटखेड़ी के बुद्धराम आदिवासी के घर का फीता काटा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बुद्धराम को ये घर मिला था. वहीं राज्यपाल ने खाना भी खाया, उस समय बुधराम के जीवन में बहुत खुशी थी.

राज्यपाल आए थे तो पंखा, भारी-भरकम गेट लगवाया गया. लेकिन ये आवभगत बुद्धराम को अब भारी पड़ रही है. क्योंकि ‘वीवीआईपी’ के दौरे और फोटो-ऑप से पहले गांव और स्थानीय अधिकारी हरकत में आ गए. ऐसे में बुद्धराम के साधारण घर के लिए एक फैंसी नया गेट और पंखे लगवाए. लेकिन ‘वीवीआईपी’ के दौरे और फोटो-ऑप के अगले ही दिन पंखा निकाल लिया गया है और गेट के प्लाइबोर्ड के दरवाजे के लिए 14000 रुपए मांगे जा रहे हैं.

बुद्धराम का कहना है कि अफसर आए थे. उन्होंने कहा था राज्यपाल साहब खाना खाएंगे, मजदूर भी लगाए जो आए थे. श्रीमान राज्यपाल जी ने खाना खाया, पंखा लगा दिया. बाद में सरपंच साहब बोले पंखा हमारा है. गेट लगवा दिया सरपंच साहब बोले सेठ के पास चलो जाओ गेट लगवा लो.

सेठजी ने सरपंच से कहा कि पैसे नहीं आए और मेरे पास पैसा नहीं है. मुझे पता रहता इतने का गेट है तो मैं नहीं लगवाता.

उनकी रिश्तेदार गोपीबाई ने कहा कि राज्यपाल साहब आए, कर्जा में करवा गए. गेट लगवाए और  मेहनत करके पूर्ति करेंगे. पंखा भी निकाल ले गए, क्या सुविधा मिली कुछ भी नहीं.

बुद्धराम को अपने नए घर के साथ रसोई गैस कनेक्शन (प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत) देने का भी वादा किया गया था. लेकिन छह महीने बाद उनके पास न तो गैस है और न ही घर, क्योंकि वह अभी तक नहीं बना है.

उज्जवला का गैस सिलेंडर और चूल्हा भी उसी दिन मिला था, जिस दिन राज्यपाल आए थे. लेकिन उसका इस्तेमाल भी नहीं हो रहा है. 6 लोगों के परिवार को चलाने वाले बुद्धराम दिहाड़ी कर रहे हैं. अब भी अपने पुराने टपरे में ही रहते हैं क्योंकि घर बाहर से पूरा और अंदर से अधूरा है.

जब एनडीटीवी ने शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह से संपर्क किया, तो बताया गया कि दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाएगा. उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए था. कार्रवाई की जाएगी. हमारी परंपरा है कि जब कोई मेहमान आता है तो हम घर को सजाते हैं. लेकिन जैसा आपने कहा है, यह महामहिम राज्यपाल की गरिमा के खिलाफ है. इसलिए हम कार्रवाई करेंगे.”

कांग्रेस का आरोप है कि दिखावे के लिये सरकार ऐसे काम करती है, जिसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ता है.

कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी ने कहा, “महामहिम जब चले जाते हैं तो 14 हज़ार का बिल थमा देते हैं. मेरा आग्रह है गरीब को लूटना बंद करें, उनके साथ जो अन्याय किया जा रहा है सिर्फ बड़े बड़े पंडाल लगाने से कुछ नहीं होगा. जो लोग ऐसे काम में लिप्त हैं उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए.”

NDTV ने इस महीने बताया था कि कैसे डिंडोरी जिले के आदिवासियों को बहुप्रतीक्षित प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फूस की झोपड़ियां दी जा रही हैं. इससे भी बुरी बात यह है कि इसके लिए भी रिश्वत में रूपये और मुर्गे की मांग की गई.

(ये रिपोर्ट NDTV की है, Image Credit: NDTV)

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