मध्य प्रदेश के जबलपुर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. बरगी के चौरई गांव में आदिवासी दंपती जले हुए हालत में मिले. दोनों का शव खेत में बने मकान में मिला. जानवरों की रस्सी काटकर भगाया गया है. जानवर गांव वाले घर पहुंच गए. उनकी कटी रस्सी देख परिजन खेत पहुंचे, तो इसकी जानकारी हुई.
घटना की खबर मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंच गई. पुलिस मामले को हत्या और हादसा दोनों नजरिये से देख रही है.
बरगी पुलिस के मुताबिक चौरई गांव निवासी आदिवासी दंपती सुम्मेरीलाल कुलस्ते (60) और उनकी पत्नी सिया बाई (55) खेत वाले मकान में सोते थे. यहां जानवर भी पाल रखे हैं. दोनों की सोमवार सुबह जली हालत में लाश मिली. प्रथम दृष्टया हत्या के बाद शव को जलाने की बात कही जा रही है. वहीं बेटे और बहू गांव के मकान में रहते हैं.
खेत में बंधे जानवर जब घर पहुंचे और उनकी रस्सी कटी दिखी, तब परिजनों को संदेह हुआ. वे खेत पहुंचे तो वहां की स्थिति देख सन्न रह गए. एक बेटा मंजू कुलस्ते गजना स्थित ससुराल में रहता है. वहीं एक बेटा संजय कुलस्ते चौरई गांव में रहता है. बेटी की शादी हो चुकी है. संजय कुलस्ते भी कहीं बाहर गया हुआ है.
परिजन हत्या के बाद शव को जलाने का दावा कर रहे हैं. वहीं पुलिस हादसा और हत्या दोनों एंगल से जांच में जुटी है.
टाउन ऑफिसर बरगी रीतेश पांडे के मुताबिक घटना पक्के मकान से सटाकर बनाई गई झोपड़ी की है. इसके ऊपर खपरैल डाल दिया गया था. यहां बिजली की लाइन भी है. एक चूल्हा भी बना है. करंट के शार्ट-सर्किट या चूल्हे से भी आग फैलने की आशंका है. आग लगी या लगाई गई, ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही स्पष्ट होगा.
उन्होंने कहा कि मौके पर एफएसएल टीम भी पहुंची है. जानवरों की कटी रस्सी आदि का परीक्षण करने के बाद ही ये मामला स्पष्ट होगा.
(यह रिपोर्ट दैनिक भास्कर की है)