HomeAdivasi Dailyमध्य प्रदेश में आखिरकार लागू होगा PESA अधिनियम, भाजपा सरकार का आदिवासी...

मध्य प्रदेश में आखिरकार लागू होगा PESA अधिनियम, भाजपा सरकार का आदिवासी आउटरीच जारी

मध्य प्रदेश पांचवीं अनुसूची वाले 10 राज्यों में से पेसा कानून को लागू करने वाला सातवां राज्य बन गया है.

बीजेपी ने अपने मेगा आदिवासी आउटरीच कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मध्य प्रदेश में राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में PESA कानून लागू करने की घोषणा की है.

शनिवार को राज्य में पंचायत चुनावों की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही PESA कानून लागू करने के सरकार के फैसले की घोषणा की गई. आदिवासी नायक तांत्या भील उर्फ ​​तांत्या मामा की पुण्यतिथि के अवसर पर इंदौर में एक कार्यक्रम के द्वारा मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात कही.

राज्य में पंचायत चुनाव, जो दो साल से लंबित हैं, 6 और 28 जनवरी और 16 फरवरी को तीन चरणों में होंगे.

मध्य प्रदेश पांचवीं अनुसूची वाले 10 राज्यों में से पेसा कानून को लागू करने वाला सातवां राज्य बन गया है. हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र ने 1996 के केंद्रीय अधिनियम को लागू करने के लिए पहले ही पेसा नियम तैयार कर लिए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ ने नियमों का मसौदा तैयार किया है और वहां फिलहाल कानून के कार्यान्वयन के लिए बातचीत की प्रक्रिया चल रही है.

मध्य प्रदेश में पांचवीं अनुसूची वाले क्षेत्रों में जहां पेसा अधिनियम लागू किया जाएगा, उनमें झाबुआ, मंडला, धार, खरगोन, खंडवा, बैतूल, सिवनी, बालाघाट, मुरैना और रतलाम जिले की सैलाना तहसील शामिल हैं.

पेसा अधिनियम पंचायतों को उचित स्तर पर और ग्राम सभाओं को प्रथागत संसाधनों, लघु वन उपज, लघु खनिज, लघु जल निकायों, लाभार्थियों के चयन, स्वीकृति जैसे कई मुद्दों में स्व-शासन की एक प्रणाली को लागू करने का अधिकार देता है. अधिनियम को आदिवासी निवासियों के लिए विकास की गति और प्राथमिकताओं सहित अपने संसाधनों को नियंत्रित करने के लिए एक साधन के रूप में देखा जाता है.

इंदौर में कार्यक्रम के दौरान, चौहान ने यह भी घोषणा की कि आदिवासी लोगों द्वारा स्थानीय साहूकारों (साहूकारों) से 15 अगस्त, 2020 तक लिया गया ऋण माफ किया जाएगा और अब से कोई भी निजी साहूकार बिना लाइसेंस के काम नहीं कर सकेगा.

राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री ने तांत्या भील को सम्मानित करने के लिए हफ्ते भर चलने वाली गौरव कलश यात्रा की भी अगवानी की. पातालपानी में तांत्या मामा के स्मारक का उद्घाटन भी किया गया.

राज्य में भाजपा सरकार को 2018 के विधानसभा चुनावों में आदिवासी वोटों का नुकसान हुआ था. पिछले कुछ महीनों में, भाजपा सरकार आदिवासियों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए कई कदम उठा चुकी है. इनमें आदिवासी नायकों का सम्मान करने, उनके नाम पर स्थानों और परियोजनाओं का नामकरण और आदिवासी लोगों के लिए विशेष योजनाओं और रियायतों की घोषणाएं शामिल हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments