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पिछली कांग्रेस सरकारों ने आदिवासियों और इसके नायकों की उपेक्षा की- अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने नौ सालों के अपने शासनकाल में जनजातियों के विकास और उत्थान के लिए किए वादों को पूरा करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि चाहे हर घर में शौचालय निर्माण हो या गैस कनेक्शन पहुंचाना या पांच लाख तक का मुफ्त इलाज कराना है. हर प्रकार की योजना का लाभ गरीबों, वंचितों, दलितों और आदिवासी भाइयों-बहनों तक पहुंच रहा है.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को चुनावी बिगुल फूंक दिया है. दरअसल, सतना में माता शबरी की जयंती पर मध्य प्रदेश सरकार ने कोल जनजाति के महाकुंभ का आयोजन किया. इसके मुख्य अतिथि अमित शाह थे.

इस सभा में शाह ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता को दी. इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh Chouhan) की सरकार को श्रेष्ठ सरकार बताया.

कोल महाकुंभ में अमित शाह ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार आदिवासी समुदायों का विकास कर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए 89 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है जबकि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे.

उन्होंने पिछली कांग्रेस नीत सरकारों पर आदिवासी समुदाय और उसके नायकों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया.

अमित शाह ने कहा, ‘‘ ऊपर मोदी जी, नीचे शिवराज जी, मध्य प्रदेश में ‘डबल इंजन’ की सरकार हर गरीब के जीवन में सुख पहुंचाने के लिए संकल्पित है. मैं कहना चाहूंगा इसी साल चुनाव आने वाले है और चुनाव में फिर भाजपा सरकार बनाना है.’’

उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से कहा कि सभी लोग भाजपा की सरकार को चुनेंगे, कमल के बटन को दबा कर मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को चुनेंगे तो दोनों हाथ उठाइए और बोलिए ‘‘भारत माता की जय.”

शाह ने कहा कि आजादी के बाद देश में एक बड़े समय तक शासन करने वाली कांग्रेस ने कभी जनजातीय समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाने के बारे में नहीं सोचा था, जबकि मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया कि शीर्ष पद एक गरीब आदिवासी परिवार की महिला को मिले.

द्रौपदी मुर्मू ने पिछले साल 25 जुलाई को भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. वह जनजातीय समुदाय से पहली और देश के शीर्ष पद पर आसीन होने वाली दूसरी महिला हैं.

अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने नौ सालों के अपने शासनकाल में जनजातियों के विकास और उत्थान के लिए किए वादों को पूरा करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि चाहे हर घर में शौचालय निर्माण हो या गैस कनेक्शन पहुंचाना या पांच लाख तक का मुफ्त इलाज कराना है. हर प्रकार की योजना का लाभ गरीबों, वंचितों, दलितों और आदिवासी भाइयों-बहनों तक पहुंच रहा है.

शाह ने कहा कि मोदी सरकार पांच किलो अनाज मुफ्त देने, तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को घर देने, पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज और 10 करोड़ घरों में शौचालय मुहैया कराकर जनजातियों, अनुसूचित जातियों, गरीबों और पिछड़ों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, “एक समय था जब कांग्रेस की सरकार थी, गरीबों के घरों में शौचालय नहीं थे। लेकिन पीएम मोदी ने 10 करोड़ गरीबों के घरों में शौचालय बनवाए और इनमें से ज्यादातर मेरे आदिवासी भाई-बहनों के घरों में बने. मोदी सरकार के तहत आदिवासी समुदायों का विकास किया गया है. पिछले 2.5 वर्षों से 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया गया है.”

उन्होंने कहा कि जनजाति गौरव को बढ़ाने का काम केवल मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार कर रही है. जिसके उदाहरण रानी कमलापति, रानी दुर्गावती के स्मारकों के रूप में हमें देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीबों आदिवासियों की सरकार है, जिसने हमेशा से योजनाओं के माध्यम से सेवा करने का प्रयास किया है. वहीं जब-जब कांग्रेस सरकार रही है उसने केवल विकास की योजनाओं को बंद करने का ही काम किया है.

शाह ने शंकर शाह और रघुनाथ शाह को समर्पित एक स्मारक बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कदम का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जनजातीय समुदाय के लोगों के सम्मान में स्मारक का निर्माण कर रही है.

उन्होंने कहा कि कोल जनजाति से जुड़े ‘कोल गढ़ी’ को 3.5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा. कमलनाथ के नेतृत्व वाली राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसने चौहान द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को रोक दिया था.

अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों को भाजपा को वोट देना चाहिए ताकि उनके लिए विकास के और कार्य पूरे किए जा सकें.

सतना मध्य प्रदेश के विंध्य के सात जिलों में से एक है और भाजपा ने इस क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में 30 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी. उस वक्त सत्ता में आई कांग्रेस को महज छह सीटें मिली थीं और चार जिलों में उसका खाता भी नहीं खुल सका था.

हालांकि, बीजेपी के लिए चिंता की बात यह है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने इस क्षेत्र में पैठ बना रही है. आप ने सिंगरौली में महापौर का चुनाव जीता और पिछले साल हुए स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा खासा वोट हासिल किया है.

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