ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने राज्य के एसटी (आदिवासी) और एससी (दलित) छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग देने की योजना – ‘छात्र प्रोत्साहन योजना’ – शुरू की है.
एसटी और एससी विकास (एसएसडी) विभाग ने एक बयान में कहा कि वह हर साल राज्य के 320 एसटी और एससी छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करेगा.
कम उम्र से ही अनुसूचित जनजाति के छात्रों की क्षमता की पहचान और उनके पोषण पर ख़ास ध्यान देने के इरादे से विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में सात उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं. इन सात केंद्रों में कोचिंग दी जाएगी.
फ़्री कोचिंग के लिए छात्रों का चयन एसएसडी हाई स्कूलों से मैट्रिक पास करने वाले छात्रों में से कक्षा 10 की योग्यता और एक चयन परीक्षा के आधार पर किया जाएगा.
विभाग द्वारा फ़िलहाल राज्य के 14 जिलों में 62 हायर सेकेंडरी स्कूल चलाए जा रहे हैं. इनमें हर साल, 30,000 से ज़्यादा एसटी और एससी छात्र मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होते हैं.
विभाग ने इस योजना को ख़ासतौर पर आदिवासी इलाकों में रहने वाले छात्रों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है. विभाग का मानना है कि कई आदिवासी छात्र बेहतर कोचिंग सुविधाओं तक पहुंच की कमी की वजह से अपनी क्षमता के हिसाब से कामयाबी नहीं पा रहे हैं.
विभाग ने इस योजना को चलाने के लिए कुछ कोचिंग सेंटरों का चयन किया है, और इसके लिए उनके साथ एमओयू (MoU) भी साइन किया है.
यह एजेंसियां सात उत्कृष्टता केंद्रों में से चुने गए राज्य के आदिवासी समुदायों के छात्रों को साइट पर मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की कोचिंग और शुरुआती ट्रेनिंग देगी.
ओडिशा में कुल 62 आदिवासी समुदाय हैं, जिनमें से 13 पीवीटीजी यानि आदिम जनजातियां हैं.