ओडिशा के मैथिली ब्लॉक के 12 आदिवासी गांवों के निवासी छत्तीसगढ़ सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह आदिवासी छत्तीसगढ़ के कुकरेल में निर्माणाधीन एक बांध का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कुकरेल में बांध बनने से मलकानगिरी ज़िले के महुपर और कमरपल्ली क्षेत्रों में काफ़ी नुक़सान होगा.
इन आदिवासियों का मानना है कि कुकरेल में कोलाब नदी पर मेगा बांध परियोजना से सात पंचायतों में कम से कम 48 गांव, और बड़े पैमाने पर कृषि और वन भूमि पानी में डूब जाएगी, और मैथिली ब्लॉक के सैकड़ों लोग विस्थापित हो जाएंगे. वन भूमि के डूबने से स्थानीय आदिवासी लोगों की आजीविका पर भी गहरा असर पड़ेगा.
इन आदिवासियों ने अब ओडिशा सरकार से कहा है कि वह छत्तीसगढ़ सरकार से बात कर इस समस्या का हल निकाले.
आदिवासियों ने यह भी धमकी दी है कि अगर इस मामले में कोई कार्रवाई न हुई तो वह अपना विरोध प्रदर्शन तेज़ कर देंगे. आदिवासी नेताओं ने इस सिलसिले में मैथिली के खंड विकास अधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा है.
ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले में बोंडा, गडबा, कोंध और कोया आदिवासी समुदाय रहते हैं.