HomeAdivasi Dailyमध्य प्रदेश: आदिवासी इलाकों में बढ़ रहा डायबिटीज़, बीपी

मध्य प्रदेश: आदिवासी इलाकों में बढ़ रहा डायबिटीज़, बीपी

डायबिटीज़ के मामले जहां 2020 में 1961 थे, 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 5438 हो गया.

इंदौर डिवीजन के चार आदिवासी जिलों में पिछले साल यानी 2021 में 2020 की तुलना में डायबिटीज़ के मामले ढाई गुना बढ़ गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड से पता चलता है कि चार जिलों में सरकारी सुविधाओं में डायबिटीज़ के मामले जहां 2020 में 1961 थे, 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 5438 हो गया.

यह बढ़ोतरी अलीराजपुर, धार, खंडवा और खरगोन में देखी गई है. इन चार जिलों में भी अलीराजपुर से सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है, जहां डायबिटीज के मामले पिछले साल 2020 के मुक़ाबले साढ़े तीन गुना से ज्यादा हो गए.

बाकी जिलों में यह बढ़ोतरी ढाई गुना से ज्यादा, लेकिन तीन से कम पाई गई.जाहिर है यह आंकड़े काफी चिंताजनक हैं, क्योंकि निजी अस्पतालों के रिकॉर्ड उपलब्ध न होने की वजह से यह पूरी तस्वीर नहीं दिखाते. कोविड महामारी के दौरान डायबिटीज या बीपी की बीमारी वाले लोगों की मौतें ज्यादा दर्ज की गई हैं.

एमजीएम मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ वीपी पांडे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “समूहों के बीच प्रसार को जानने के लिए इन जिलों की आदिवासी, गैर-आदिवासी आबादी में आंकड़ों को और विभाजित किए जाने की जरूरत है. लेकिन, पिछले दो सालों में, महामारी, पोस्ट-कोविड प्रभाव, और इलाज के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल डायबिटीज के मामलों में वृद्धि का कारण बना.”

इसके अलावा कई मामलों में, कोविड के बाद के प्रभावों और इसके दौरान स्टेरॉयड के इस्तेमाल से डायबिटीज के शुरुआती मामलों में बढ़ोतरी हुई.

दिलचस्प बात यह है कि इन्हीं चार आदिवासी जिलों में हाइपरटेंशन यानी बीपी में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई.

इन चार जिलों ने हाइपरटेंशन के मामलों में 93% की वृद्धि दर्ज की. 2020 में जहां 5136 मामले सामने आए थे, 2021 में यह बढ़कर 9915 हो गए.

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