HomeAdivasi Dailyअसम में आदिवासी इलाक़े के रोडवर्क में नष्ट हुए दुर्लभ ऑर्किड

असम में आदिवासी इलाक़े के रोडवर्क में नष्ट हुए दुर्लभ ऑर्किड

कुछ बेशकीमती आर्किड किस्मों में एरिया लासीओपेटाला, बुलबोफिलम क्रैसिप्स, डेंड्रोबियम मोस्कैटम और पिनालिया ब्रेक्टेसेंस शामिल हैं. ऑर्किड संरक्षणवादी अंकुर राज गोगोई ने कहा कि आर्किड की कोलोगिन ट्रिनर्विस, पेलाटेन्थेरिया कीटिफेरा और एराइड्स मल्टीफ्लोरा किस्म दुर्लभ हैं.

असम के पर्यावरण के प्रति संवेदनशील इस आदिवासी क्षेत्र में विकास के नाम पर राभा आदिवासियों ने अवाक रहकर जैव विविधता के विनाश को देखा. उन्होंने सैकड़ों दुर्लभ और विदेशी किस्मों के ऑर्किड को बुलडोजर के पहियों के नीचे कुचलते हुए देखा.

इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी असम माला योजना के तहत सड़क संपर्क को बढ़ावा देने के लिए सैकड़ों पेड़ काटे गए थे. लेकिन अब लोहाघाट से मुदुकी तक 10 किलोमीटर के हिस्से में जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र चंदूबी झील है. लेकिन पेड़ों से ज्यादा ऑर्किड के प्रचंड विनाश ने प्रकृति प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है.

प्रकृति और एवियन के संरक्षण के लिए एक संगठन, रेंगकोका (Rengkoka) के स्वयंसेवकों ने चुपचाप जमीन पर गिरे ऑर्किड को इकट्ठा किया. जबकि अमूल्य लॉग को कथित तौर पर ठेकेदार द्वारा दूर ले जाया गया. रेंगकोका के प्रमुख मतिराम राभा और क्षेत्र के एक पुरस्कार विजेता बांस शिल्पकार ने कहा, “हम सिर्फ 30-40 फीसदी ऑर्किड को ही फिर से लगा सकते हैं. उनके लिए वे सिर्फ कचरा थे.”

बरामद की गई कुछ बेशकीमती आर्किड किस्मों में एरिया लासीओपेटाला, बुलबोफिलम क्रैसिप्स, डेंड्रोबियम मोस्कैटम और पिनालिया ब्रेक्टेसेंस शामिल हैं. ऑर्किड संरक्षणवादी अंकुर राज गोगोई ने कहा कि आर्किड की कोलोगिन ट्रिनर्विस, पेलाटेन्थेरिया कीटिफेरा और एराइड्स मल्टीफ्लोरा किस्म दुर्लभ हैं.

गोगोई ने कहा, “नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है. आर्किड को बचाने के लिए वन विभाग को योजना बनानी चाहिए थी. एराइड्स मल्टीफ्लोरा ज्यादातर सड़क किनारे बड़े पेड़ों पर उगता है और निचले असम के लिए स्थानिक है. यह किस्म व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले असम माला की नींव रखी थी. परियोजना के तहत राज्य के राजमार्गों, प्रमुख जिला सड़कों और आर्थिक महत्व की सड़कों का उन्नयन किया जा रहा है.

कुछ प्रजातियों को बचाने के लिए रेंगकोका की कोशिशों ने शुरुआत में गोवालपारा जिले के मिर्जा और दुधनोई के युवाओं को आकर्षित किया था, जब इस महीने की शुरुआत में यह परियोजना शुरू हुई थी. इस मामले में वन विभाग देर से उठा और कुछ ऑर्किड को बचाने की कोशिश की, जिन्हें हाल ही में हुई बारिश के दौरान एक नया जीवन मिला है.

रेंज अधिकारी शमीम अख्तर ने कहा, “हाल ही में लोहाघाट रेंज कार्यालय में शामिल होने के बाद हमने रानी सामाजिक वानिकी, बोको सामाजिक वानिकी और लोहाघाट वन कार्यालय के कार्यालय परिसर में कुछ ऑर्किड लगाए. हमने राभा के कुछ छात्रों को झील के आसपास इन्हें फिर से लगाने के लिए दिया.”

वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि जैव विविधता का विनाश तब तक जारी रह सकता है जब तक कि सरकार निजी ठेकेदारों को पेड़ गिराने की अनुमति देने की नीति में संशोधन नहीं करती है.

एक वन अधिकारी ने कहा, “पहले वन विभाग द्वारा जैव विविधता को खतरे में डाले बिना पेड़ों को काट दिया जाता था. लेकिन जब से नए नियम अस्तित्व में आए हैं, ठेकेदार ऑनलाइन बोलियां जीत रहे हैं और पेड़ों को काट रहे हैं और जैव विविधता को कथित रूप से नष्ट कर रहे हैं.”

रेंज अधिकारी ने हालांकि कहा है कि पेड़ों की कटाई की कवायद की निगरानी के लिए क्षेत्र में वन अधिकारियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है.

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