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हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग, जानिए कौन हैं रानी कमलापति

हबीबगंज स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है जहां एयरपोर्ट की तरह वर्ल्ड क्लास सुविधाएं यात्रियों को मिल सकेंगी. इस स्टेशन पर लोग बिना भीड़भाड़ के ट्रेन की बर्थ तक पहुंच सकेंगे.

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने उस रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं. दरअसल भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई है.

उद्घाटन से कुछ दिन पहले इस संबंध में केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा गया है. स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से भेजी गई सिफारिश में कहा गया है कि भोपाल पर 16वीं शताब्दी में गोंड शासकों का शासन था. गोंड रानी कमलापति की याद को बरकरार रखने के लिए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम उनके नाम पर कर दिया जाए.

ऐसा माना जाता है कि गोंड राजा सूरज सिंह शाह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था. रानी ने पूरे जीवनकाल में बड़े ही बहादुरी के साथ आक्रमणकारियों का सामना किया था.

गोंड समुदाय में 1.2 करोड़ से अधिक आबादी वाला भारत का सबसे बड़ा आदिवासी समूह शामिल है. भाषाई रूप से गोंड द्रविड़ भाषा परिवार की दक्षिण मध्य शाखा के गोंडी-मांडा उपसमूह से संबंधित है.

यह पत्र बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की उस मांग के बाद आया है जिसमें उन्होंने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की बात कही थी.

हबीबगंज रेलवे स्टेशन के अलावा प्रज्ञा ठाकुर ने इस्लामपुरा का नाम जगदीशपुरा, ईदगाह का नाम गुरु नानक टेकरी और भोपाल के पास एक शहर ओबैदुल्लागंज का नाम बदलकर शिवपुर करने की मांग की है.

दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे. वो देश के पहले पीपीपी मॉडल पर बने रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे,  जिसका पुनर्निमाण जर्मनी के हीडलबर्ग रेलवे स्‍टेशन की तर्ज पर करने का दावा है. 100 करोड़ की लागत से स्टेशन का पुनर्विकास किया गया है.

इस स्टेशन पर लोग बिना भीड़भाड़ के ट्रेन की बर्थ तक पहुंच सकेंगे. जो यात्री स्टेशन स्टेशन पर उतरेंगे, वे भी दो अलग-अलग रास्तों के जरिए स्टेशन के बाहर सीधे निकल जाएंगे.

पीएम मोदी 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय सम्मेलन में शामिल होने भोपाल आ रहे हैं.

हबीबगंज रेलवे स्टेशन को 1905 में ब्रिटिश सरकार ने बनवाया था. तब इसका नाम शाहपुर हुआ करता था. इसके बाद जब स्टेशन का विस्तार हुआ तो नवाब हबीबउल्ला ने इसके लिए जमीन दी थी, जिसके बाद से ये स्टेशन हबीबगंज कहलाया. अब एक बार फिर से इसका नाम बदलने की तैयारी हो रही है.

मध्य प्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रयागराज और मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया है.

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