HomeAdivasi Dailyआदिवासी समूह की अलग राज्य की मांग के बीच गृह मंत्रालय की...

आदिवासी समूह की अलग राज्य की मांग के बीच गृह मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम नगालैंड पहुंची

अधिकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय की समिति शनिवार यानि आज सात जनजातियों - चांग, खिआमिनुंगन, कोन्याक, फोम, संगतम, तिखिर और यिमखिउंग के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें करने वाली है. टीम ईएनपीओ की महिला और छात्र नेताओं से भी बातचीत करेगी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की तीन सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को नगालैंड पहुंचकर ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (Eastern Nagaland People’s Organisation) के सदस्यों के साथ बैठक की, जो लंबे समय से उन सात जनजातियों के लिए अलग राज्य की मांग कर रहा है, जिनका वह प्रतिनिधित्व करता है.

“अलग राज्य की मांग का अध्ययन” करने के लिए नगालैंड की तीन दिवसीय यात्रा पर आई समिति का नेतृत्व गृह मंत्रालय के पूर्वोत्तर मामलों के सलाहकार ए.के. मिश्रा कर रहे हैं. खुफिया ब्यूरो के संयुक्त निदेशक डॉक्टर मनदीप सिंह और गृह मंत्रालय की पूर्वोत्तर डिविजन के निदेशक ए.के. धयानी समिति के दो अन्य सदस्य हैं.

गृह मंत्रालय की टीम एक विशेष हेलीकॉप्टर में त्युएनसांग पहुंची और ईएनपीओ के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व लोकसभा सांसद के. असुंगबा संगतम के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ बंद कमरे में बैठक की. बैठक का विवरण के बारे में जानकारी नहीं मिली है.

ईएनपीओ ने हाल ही में संपन्न हुए हॉर्नबिल उत्सव का बहिष्कार किया था क्योंकि इसने ‘फ्रंटियर नागालैंड’ की अपनी मांग को तेज़ कर दिया था.

अधिकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय की समिति शनिवार यानि आज सात जनजातियों – चांग, खिआमिनुंगन, कोन्याक, फोम, संगतम, तिखिर और यिमखिउंग के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें करने वाली है. टीम ईएनपीओ की महिला और छात्र नेताओं से भी बातचीत करेगी.

अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की समिति के सदस्य दिल्ली लौटने से पहले रविवार को कोहिमा में सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे.

इससे पहले ईएनपीओ के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में गृहमंत्री से मुलाकात की थी. जिसके बाद संगठन ने बयान जारी कर कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शिकायतों और एक अलग इकाई के लिए अनुरोध को समझा जा सकता है. ईएनपीओ ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने पूर्वी नागालैंड के लिए सौहार्दपूर्ण, विधायी और स्थायी समाधान के लिए एक स्पष्ट रोडमैप पर प्रकाश डाला, जिसमें पूर्वी नागालैंड के लोगों और नागालैंड राज्य सरकार के साथ परामर्श शामिल होगा.

क्या है मामला?

दरअसल, नगालैंड में अगले साल के शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्वी हिस्से को अलग कर नया राज्य बनाने की मांग तेज़ गई है. पूर्वी नगालैंड के अंतर्गत 6 जिले- मोन, तुएनसांग, किफिरे, लोंगलेंग, नोकलाक और शामाटर आते हैं. इन जिलों में सात जनजातियों-चांग, खियामनिंगन, कोन्याक, फोम, संगतम, तिखिर और यिमखिउंग के लोग रहते हैं.

साल 2010 से ही अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है और ईएनपीओ ने कई मौंको पर केंद्र को इस संदर्भ में ज्ञापन भी सौंपा है. ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन लगातार अलग राज्य ‘फ्रंटियर नागालैंड’ की स्थापना की मांग और प्रदर्शन करता आया

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments