HomeAdivasi Dailyमुंबई: आदिवासी की ज़मीन हड़पने के लिए अपहरण किया गया

मुंबई: आदिवासी की ज़मीन हड़पने के लिए अपहरण किया गया

इस मामले के मुख्य आरोपी यासीन शाहनवाज चिखलेकर के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज है. उसे जनवरी 2014 से दो साल के लिए ठाणे, पालघर, रायगढ़, मुंबई शहर सहित कई जिलों से निर्वासित किया गया था.

मुंबई (Mumbai) के ठाणे (Thane) में 41 वर्षीय आदिवासी का भूमि विवाद को लेकर अपहरण(Kidnapped) किया गया था. पीड़ित का नाम संतोष देव बाबर है. वे भिवंडी तालुका के उदीदपाड़ा गांव के रहने वाले हैं.

पीड़ित आदिवासी जैसे ही अपहरणकर्ताओं से बचकर अपने घर आए, उन्होंने एक एनजीओ की सहायता से अपहरणकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.  

पुलिस ने मुख्य आरोपी चिखलेकर और अन्य पांच अपहरणकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण), 143 (गैरकानूनी सभा) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के तहत मामला दर्ज किया है.

ये भी पता चला है की इस मामले के मुख्य आरोपी यासीन शाहनवाज चिखलेकर के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज है. उसे जनवरी 2014 से दो साल के लिए ठाणे, पालघर, रायगढ़, मुंबई शहर सहित कई जिलों से निर्वासित किया गया था.

क्या है पूरा मामला

संतोष हमेशा की तरह गुरूवार के दिन भी ईट भट्टे पर काम करने गए थे. जब वह अपना काम करके घर की ओर लौट रहे थे, तभी आरोपियों ने उनका अपहरण कर लिया.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यह घटना गुरूवार रात 11 बजे की है.  

अपहरण के बाद चिखलेकर और उसके साथी संतोष को अपने कार्यालय में ले गए. जहां उन्होंने उसे जबरदस्ती शराब पिलाने की कोशिश की और उसी बोतल से उस पर कई बार हमला भी किया.

मार पिटाई के दौरान उन्होंने पीड़ित को ज़मीन वापिस देने की धमकी भी थी.

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि आदिवासी समुदाय के मामलों में अक्सर डरा धमका कर ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश होती है.

इसके अलावा आज भी देश के बंधुआ मज़दूरों में बड़ी संख्या आदिवासियों की मिलती है. मानव तस्करी के मामलों में भी आदिवासियों की संख्या अधिक रहती है.  

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