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वन विभाग कर्मचारियों ने आदिवासी आदमी पर चलाई गोली, परिवार ने की जांच की मांग

वन विभाग ने वन कर्मियों की गवाही के आधार पर बसवा के खिलाफ बाइलाकुप्पे थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 379, 506, 353, 332, 307 और कर्नाटक वन अधिनियम 86 और 87 के तहत एफआईआर दर्ज की है.

कर्नाटक के मैसूरु जिले के बाइलाकुप्पे के पास की एक आदिवासी बस्ती में वन कर्मचारियों ने एक आदिवासी आदमी पर गोली चलाई. पेरियापटना तालुक के रानीगेट जेनु कुरुबा आदिवासी बस्ती के निवासी बसवा (37) का अब शहर के केआर अस्पताल में इलाज चल रहा है.

वन विभाग के कर्मचारियों का दावा है कि बसवा का एक चंदन के पेड़ को अवैध रूप से काटने के लिए पीछा किया गया, और गोली मार दी गई. लेकिन ग्रामीणों और आदिवासी कार्यकर्ताओं कहते हैं कि अधिकारी उसे झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. पीड़ित की पत्नी पुष्पा ने बुधवार रात बाइलाकुप्पे पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत में उसने फॉरेस्ट गार्ड सुब्रमणि पर गोली चलाने का आरोप लगाया है. उसने यह भी कहा है की तीन अन्य लोग – महेश, सिद्धा और वन रक्षक मंजू – उस समय वहां मौजूद थे.

गोलियों की आवाज सुनकर गांव के लोग मौके पर जमा हो गए, जिसके बाद वन रक्षक मंजू ने बसवा को कुशलनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया. वहां से बसवा को मैसूरु के केआर अस्पताल में शिफ्ट किया गया. पुष्पा ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि चार वन कर्मचारियों और बसवा के बीच एक महीने पहले झड़प हुई थी जब बसवा ने वन कर्मचारियों द्वारा अपने घर के पास एक सिल्वर ओक पेड़ को काटने की कोशिश करने पर आपत्ति जताई थी.

उसने अपनी शिकायत में कहा, “इस घटना के बाद, उन्होंने उसे सबक सिखाने की धमकी दी थी और उसके खिलाफ शिकायत कर रहे थे.”

इस बीच वन विभाग ने वन कर्मियों की गवाही के आधार पर बसवा के खिलाफ बाइलाकुप्पे थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 379, 506, 353, 332, 307 और कर्नाटक वन अधिनियम 86 और 87 के तहत एफआईआर दर्ज की है.

पुलिस अधीक्षक आर चेतन ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को वन विभाग की शिकायत की है और बताया कि घायल व्यक्ति का बयान ले लिया गया है.

ग्रीन इंडिया ट्रस्ट के परियोजना निदेशक डॉ महेंद्र कुमार, अभिनेता और आदिवासी कार्यकर्ता चेतन अहिंसा सहित आदिवासी कार्यकर्ताओं ने पीड़ित की पत्नी की शिकायत के आधार पर वन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है.

इस बीच, नागरहोल टाइगर रिजर्व के निदेशक और डीसीएफ महेश कुमार ने गुरुवार को एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि वन कर्मचारी एक गुप्त सूचना के आधार पर, कावेरी ब्लॉक सीपीटी -1 रिजर्व वन के पास एक चंदन के पेड़ को काट रहे तीन लोगों को पकड़ने के लिए गए थे, जब उन लोगों ने वन कर्मचारियों पर हमला किया.

उन्होंने आगे दावा किया, “आत्मरक्षा में, कर्मचारियों ने गोलियां चलाईं और बसवा घायल हो गए, जबकि दो दूसरे लोग, दिलीप और सतीश फरार हैं.”

बुडकट्टू कृषिकर संघ के सचिव जे डी जयप्पा समेत ग्रामीणों के दावा है कि बसवा ने एक बैठक में भाग लिया था और बुधवार को सुबह 10.21 बजे एक समूह फोटो भी खिंचवाया था, जो उनका बैंक खाता खोलने के लिए जरूरी था.

“इसके कुछ मिनट बाद, उन्हें वन कर्मचारियों ने गोली मार दी, वह भी जंगल के अंदर नहीं, बल्कि मुख्य सड़क के पास, जहां चंदन का पेड़ नहीं पाया जाता है,” जयप्पा ने कहा.

उनका यह भी दावा है कि उनके पास बसवा को फंसाने के लिए वन कर्मचारियों द्वारा चंदन की लकड़ियां रखने का वीडियो है.

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