तमिलनाडु के चेंगलपेट ज़िले के पझवेली गांव के आदिवासी छात्रों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. उन्हें अब एक ऊंची पहाड़ी और व्यस्त बाईपास सड़क को पार कर अपने स्कूल तक 7 किमी चलने की जरूरत नहीं है.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिवहन मंत्री को आदेश दिया है कि उन बच्चों के लिए ख़ास बस सेवा की व्यवस्था की जाए.

आपको इन आदिवासी बच्चों की कहानी याद होगी. इन्हें घर और स्कूल के बीच कुल 14 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है, जबकि उनके माता-पिता अपने बच्चों को लेने और छोड़ने के लिए इससे दुगनी दूरी तय करते थे.
अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य परिवहन निगम के अधिकारियों ने बुधवार को रास्ते का सर्वेक्षण किया और दोपहर से ही सेवा शुरू कर दी. आदिवासी बस्ती के निवासियों और छात्रों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है.

छात्रों को घर से स्कूल ले जाने के लिए और शाम को उन्हें घर छोड़ने के लिए बस दोनों समय एक बार संचालित होगी.
बस के संचालन की ख़बर से बस्त के बच्चे ही नहीं, बल्कि ज़िले के आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता भी काफ़ी खुश हैं. पझवेली से होकर जाने वाली बस सर्विस की मांग सालों पुरानी है.