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केरल में जंगली हाथियों के हमले में दो महीने के भीतर चौथी मौत

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा सांसद इस मुद्दे का समाधान निकालने में विफल रहे हैं.

केरल के वायनाड और मलप्पुरम जिलों की सीमा से लगे वन क्षेत्र के अंदर जंगली हाथी ने एक आदिवासी महिला को कथित तौर पर कुचल कर मार डाला. पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि हमले में महिला के पति को गंभीर चोटें आई हैं. उन्होंने बताया कि दंपति पर हाथी ने तब हमला किया जब वे कथित तौर पर शहद इकट्ठा करने के लिए जंगल में गए थे.

यह घटना परप्पनपारा जंगल में हुई. अधिकारियों को बृहस्पतिवार को घटना के बारे में तब पता चला जब स्थानीय लोगों ने पुलिस और वन अधिकारियों को सूचित किया.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘हम घटना के संबंध में और अधिक जानकारी का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि पुलिस और वन अधिकारी जंगल गए हैं जहां घटना हुई थी.’’

पिछले दो महीनों में केरल में जंगली हाथियों की वजह से यह चौथी मौत है.

16 फरवरी को वायनाड जिले के कुरुवा में काम पर जाते समय 50 वर्षीय वन पर्यवेक्षक पॉल को जंगली हाथी ने कुचल कर मार डाला था.

उससे एक हफ्ते पहले वायनाड निवासी अजी (42) को जिले के मनन्थावडी में एक रेडियो कॉलर वाले हाथी ने कुचल कर मार डाला था. जिसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था.

इससे पहले जनवरी में उसी जिले के थोलपेट्टी में एक संपत्ति पर नजर रखने वाले लक्ष्मणन (65) को एक जंगली हाथी ने मार डाला था.

वहीं मध्य केरल का इडुक्की जिला, जो घने जंगल और पहाड़ी से घिरा है, वहां से उत्तरी केरल के वायनाड जिले से लगभग 330 किमी दूर, इंदिरा रामकृष्णन नाम की एक महिला की मार्च के पहले हफ्ते में एक हाथी के हमले में मौत हो गई थी.

मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक अन्य घटना में प्रजीश (36) को पिछले साल दिसंबर में वायनाड के वकेरी में एक वन क्षेत्र के पास एक बाघ ने मार डाला था.

दोनों जिलों के स्थानीय निवासियों ने हाथी, बाघ, भालू और जंगली सूअर जैसे जंगली जानवरों का मुद्दा उठाया है जो अक्सर आबादी वाले क्षेत्रों पर अतिक्रमण करते हैं, जिससे लोगों की जान और संपत्ति को खतरा होता है.

केरल सरकार मानव बस्तियों में जंगली जानवरों के अतिक्रमण की घटनाओं से निपटने में राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों का हवाला देते हुए वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम में संशोधन करने की मांग कर रही है.

बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया आरोप

इसी बीच अब इस तरह की घटनाओं को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जिले में मानव-वन्यजीव टकराव की बढ़ती घटनाओं का समाधान निकालने में विफल रहने के लिए वायनाड के सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत सरकार की आलोचना की.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा सांसद इस मुद्दे का समाधान निकालने में विफल रहे हैं.

हाथी के हमले में महिला की मौत पर संवेदना प्रकट करते हुए सुरेंद्रन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘केरल में खासकर वायनाड में मानव-वन्यजीव टकराव की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और वायनाड के सांसद राहुल गांधी इस संकट का समाधान निकालने में असमर्थ हैं.’’

सुरेंद्रन ने कहा, ‘‘क्या राहुल गांधी को सिर्फ वोटों में दिलचस्पी है? राहुल गांधी जितनी बार वायनाड आए, उससे कहीं अधिक बार जंगली हाथी शहर में आए. राहुल मानव जीवन के प्रति उदासीन प्रतीत होते हैं, लोगों की दुर्दशा से उन्हें कोई मतलब नहीं है. वह बस अन्य जगहों की यात्राओं का आनंद ले रहे हैं. राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए.’’

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