HomeAdivasi Dailyतमिल नाडु: आदिवासी खरपतवार से बना रहे हैं फर्नीचर

तमिल नाडु: आदिवासी खरपतवार से बना रहे हैं फर्नीचर

20 आदिवासी लोगों को अशोक ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड द एनवायरनमेंट द्वारा इस काम में ट्रेनिंग दी गई थी.

तमिल नाडु के ईरोड जिला प्रशासन ने आदिवासी लोगों को बरगुर पहाड़ियों में लैंटाना कैमरा से फर्नीचर बनाने में प्रशिक्षण देने की पेशकश की है. प्रशासन का मानना है कि इससे इलाके के आदिवासियों को आय कमाने का एक जरिया मिलेगा, और वो अपनी आजीविका में सुधार कर सकेंगे.

ईरोड के अतिरिक्त कलेक्टर (विकास) और जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) के परियोजना अधिकारी, एल. मधुबलन ने पहाड़ी की चोटी पर तामरईकरई में तमिलनाडु ट्राइबल पीपल एसोसिएशन का दौरा किया, जहाँ लैंटाना कैमरा, जो एक खरपतवार है, से बनी कुर्सियाँ, टेबल, रैक और ट्री गार्ड रखे गए थे.

एसोसिएशन के राज्य समिति के सदस्य वी.पी. गुणसेकरन ने कहा कि दो साल पहले कर्नाटक के चामराजनगर के माले महादेश्वर से 20 आदिवासी लोगों को अशोक ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड द एनवायरनमेंट द्वारा इस काम में ट्रेनिंग दी गई थी.

उन्होंने यह भी बताया कि वे परिसर में एक केंद्र बनाने की प्रक्रिया में हैं, जिसमें 40 से 50 लोग रह पाएंगे.

एसोसिएशन ने सरकारों और वन विभाग से उनकी गतिविधियों को आर्थिक रूप से समर्थन देने की गुजारिश की है. एसोसिएशन ने बिल्डिंग निर्माण के लिए लगभग 12 लाख रुपये मांगे हैं. उनका मकसद तीन महीने में निर्माण के काम पूरा करना है.

जंगलों में खरपतवार पेड़ पौधों की प्रजातियों को बर्बाद कर देता है. चूंकि वन विभाग के पास इसे साफ करने के लिए फंड की कमी है, इसलिए एसोसिएशन ने इससे फर्नीचर बनाने की योजना बनाई.

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