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ओडिशा: आदिवासियों ने रायगडा में एकलव्य स्कूल के लिए भूमि सीमांकन का विरोध किया

सूत्रों के अनुसार पंचायत में बहुसंख्यक आदिवासी आबादी एकलव्य विद्यालय की स्थापना के लिए सरकार का समर्थन कर रही है. लेकिन उनमें से कुछ जो चिन्हित क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं इस आधार पर इसका विरोध कर रहे थे कि वे अपनी आजीविका के स्रोत खो देंगे.

ओडिशा के रायगडा में गुरुवार को स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के बीच सरकारी अधिकारियों ने प्रस्तावित एकलव्य आदर्श विद्यालय के लिए भूमि सीमांकन का काम किया.

जिले में आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा पर केंद्रीय योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने कल्याणसिंहपुर ब्लॉक के सुनाखंडी पंचायत के प्रधानीगुड़ा में भूमि की पहचान की थी. रायगढ़ कलेक्टर स्वधा देव सिंह ने 13 अक्टूबर को क्षेत्र का दौरा किया था और जिला अधिकारियों को उस भूखंड का सीमांकन करने का निर्देश दिया था जहां मॉडल स्कूल का निर्माण किया जाएगा.

इसके बाद कल्याणसिंहपुर तहसीलदार सुधाकर रायता राजस्व अधिकारियों, अमीन और स्थानीय पुलिस के साथ भूमि सीमांकन के लिए मौके पर गए. लेकिन आदिवासियों के एक समूह ने इसका कड़ा विरोध किया और उन्हें सीमांकन करने से रोक दिया. इसके चलते अधिकारियों को बिना काम किए ही लौटना पड़ा.

सूत्रों के अनुसार पंचायत में बहुसंख्यक आदिवासी आबादी एकलव्य विद्यालय की स्थापना के लिए सरकार का समर्थन कर रही है. लेकिन उनमें से कुछ जो चिन्हित क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं इस आधार पर इसका विरोध कर रहे थे कि वे अपनी आजीविका के स्रोत खो देंगे.

ऐसे में गुरुवार को बड़ी संख्या में अधिकारी पुलिस की एक प्लाटून के साथ प्रधानीगुड़ा गांव गए थे. इनमें रायगढ़ तहसीलदार तपस राउत, कार्यवाहक मजिस्ट्रेट, कोलनार तहसीलदार बिघनाराज कन्हार, कल्याणसिंहपुर तहसीलदार, राजस्व अधिकारी संतोष पाणिग्रही और अमीन एस राजू शामिल थे.

पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच अधिकारियों ने भूमि सीमांकन का काम किया. गांव में किसी भी तरह के व्यवधान को रोकने और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 3 डीएसपी, 3 एसडीपीओ और 5 आईआईसी मौजूद थे.

रायगड़ा तहसीलदार ने विरोध करने वाले आदिवासियों से भी बात की और उन्हें दूसरे स्थान पर पुनर्वास के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया.

भले ही अब तहसीलदार ने आदिवासियों को पुनर्वास का आश्वासन दिया है. लेकिन प्रशासन और अधिकारियों को पुलिस बल की भारी तैनाती न कर विरोध करने वाले आदिवासियों को दूसरी जगह खेती के लिए जमीन मुहैया कराने का आश्वासन देना चाहिए था. क्योंकि जिस भूमि पर एकलव्य स्कूल बनाया जा रहा है वो उन लोगों की आजीविका का एकमात्र साधन है.

(Photo Credit: Odisha Bytes)

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