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सरकार का दावा- NSTFDC की वित्तीय सहायता योजना के तहत 74% से अधिक लाभार्थी महिलाएं बनीं

रेणुका सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (PMJVM) के तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वन उपज (MFP) की खरीद के लिए धन उपलब्ध कराया.

जनजातीय मामलों के मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs) ने 13 मार्च को लोकसभा को सूचित किया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (National Scheduled Tribes Finance and Development Corporation) ने 2021-22 में अनुसूचित जनजाति के 1.6 लाख से ज्यादा लोगों को आय सृजन गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी जिसमें छात्रों को दिया जाने वाला एजुकेशन लोन भी शामिल था.

मंत्रालय ने कहा कि लाभार्थियों में से 1.2 लाख (74.9 प्रतिशत) अनुसूचित जनजाति की महिलाएं थीं.

दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए सृजित रोजगार के अवसरों की संख्या के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता (Renuka Singh Saruta) ने कहा कि सरकार इसके लिए कई मंत्रालयों के माध्यम से विभिन्न योजनाएं चला रही है.

रेणुका सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (PMJVM) के तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वन उपज (MFP) की खरीद के लिए धन उपलब्ध कराया.

उन्होंने कहा कि ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (TRIFED) ने 3,225 वन धन विकास केंद्रों (VDVK) को भी मंजूरी दी थी, जिससे नौ लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए. उन्होंने कहा कि वन धन विकास केंद्रों का लक्ष्य “जंगल की संपत्ति का उपयोग करके आदिवासियों के लिए रोजगार सृजन” करना है.

इसके अलावा सरकार ने कहा, “ग्रामीण विकास विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय आदि जनजातीय उप योजना (TSP)/ अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत रोजगार प्रदान करने के लिए योजनाओं को लागू कर रहे हैं.”

रेणुका सिंह सरुता ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत वर्ष 2021-22 के दौरान 6,217.84 लाख अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए रोजगार सृजित किए गए.

सरकार ने कहा कि प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), जन शिक्षण संस्थान (JSS) और कौशल विकास मंत्रालय के नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (NAPS) कार्यक्रमों से कुल 1.3 लाख से अधिक अनुसूचित जनजाति को लोगों को लाभ हुआ है.

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