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मध्य प्रदेश: अमरवाड़ा उपचुनाव में कमल नाथ ने नए आदिवासी चेहरे पर लगाया दांव

अमरवाड़ा विधानसभा सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए कमलेश शाह ने ऐन लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. कांग्रेस को छोड़ने के साथ कमलेश शाह ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी ने कमलेश शाह को उपचुनाव में अमरवाड़ा से प्रत्याशी के तौर पर उतारा है.

हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा में अपना गढ़ बचाने में विफल रहने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ (Kamal Nath) का परिवार एक और चुनौती के लिए कमर कस रहा है. कमल नाथ और उनके बेटे पूर्व सांसद नकुल नाथ (Nakul Nath) ने अमरवाड़ा में 10 जुलाई को होने वाले विधानसभा उपचुनाव में नए चेहरे धीरन शाह इनावती (Dheeran Shah Invati) को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया है.

धीरन शाह के नाम का ऐलान होते ही एक बार फिर से छिंदवाड़ा की राजनीति गर्म हो गई है. दरअसल, धीरन शाह के चुनाव मैदान में आने के बाद कमलेश शाह के लिए विधानसभा चुनाव जीतना काफी संघर्षपूर्ण समझा जा रहा है.

अमरवाड़ा एक अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) आरक्षित सीट है जो छिंदवाड़ा संसदीय सीट का हिस्सा है.

ऐसे में यह चुनाव यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगा कि क्या नाथ परिवार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर हार के बाद वापसी कर सकता है.

कमल नाथ ने 1980 से सात बार छिंदवाड़ा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. वहीं नकुल ने 2019 में इसे जीता था लेकिन इस बार वह भाजपा के बंटी विवेक साहू से 1 लाख वोटों से हार गए.

दरअसल, फरवरी में कमल नाथ और नकुल के भाजपा में जाने की अफवाहों के बीच छिंदवाड़ा के कई नेताओं सहित कई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो गए. कमल नाथ खेमे को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब अमरवाड़ा से तीन बार विधायक रहे कमलेश शाह भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.

अमरवाड़ा शाह परिवार का गढ़

अमरवाड़ा को शाह परिवार का गढ़ माना जाता है. शाह लगातार तीन बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं उनके परिवार के सदस्य पहले भी विधायक रह चुके हैं. वे हर्राई राजघराने से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें एक मजबूत आदिवासी चेहरा माना जाता है.

भाजपा ने शाह को मैदान में उतारा है और उम्मीद है कि उनके परिवार का प्रभाव और जनाधार उन्हें लाभ देगा.

वर्तमान में संसदीय क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से अमरवाड़ा पर भाजपा का कब्जा है. बाकी कांग्रेस के पास हैं.

ऐसे में अपने पूर्व सहयोगी कमलेश शाह का मुकाबला करने के लिए नाथ और कांग्रेस को एक आदिवासी चेहरे की जरूरत थी और उन्हें इनावती के रूप में एक उपयुक्त चेहरा मिला, जो छिंदवाड़ा में एक लोकप्रिय आदिवासी हिंदू मंदिर आंचलकुंड धाम के प्रमुख सुखराम दादा के बेटे हैं.

सहकारी बैंक के पूर्व कर्मचारी इनावती ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अमरवाड़ा के लोगों ने शाह पर बहुत भरोसा किया क्योंकि वह अनुभवी थे और लोगों के लिए काम करते थे. अब उन्होंने लोगों के जनादेश को धोखा दिया है. यह चुनाव लड़ना मेरा धार्मिक कर्तव्य है.”

आंचलकुंड धाम

कहा जाता है कि आंचलकुंड धाम की स्थापना लगभग 200 साल पहले हुई थी. इस स्थल पर प्रमुख हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं और नए साल का मेला भी लगता है, जिसमें बड़ी भीड़ उमड़ती है.

राजनीतिक रूप से नेताओं ने अपने अभियानों में आंचलकुंड धाम के सांस्कृतिक महत्व का उपयोग किया है. 1980 में अपने पहले चुनाव अभियान की शुरुआत करने से पहले कमल नाथ ने इस स्थल का दौरा किया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें कांग्रेस के लिए छिंदवाड़ा जीतने के लिए भेजा था.

पिछले साल विधानसभा चुनावों के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंचल कुंड दादा दरबार का दौरा किया था, जो आदिवासियों द्वारा पूजनीय स्थल है.

उस समय भाजपा ने इस क्षेत्र के आदिवासी धार्मिक नेताओं के साथ बैठकें भी की थीं, जिनके बारे में कहा जाता है कि स्थानीय आबादी के बीच उनका काफी प्रभाव है.

वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के पास भी एक बड़ा आदिवासी वोट बैंक है, जिसने उपचुनाव के लिए 27 वर्षीय देवीराम भलावी को मैदान में उतारा है.

जीजीपी ने 2003 में यह सीट जीती थी. तब से हालांकि पार्टी इस सीट को जीतने में सक्षम नहीं है लेकिन इसने हर चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल दिया है.

2003 में कमलेश शाह ने भाजपा की मोनिका शाह बट्टी के खिलाफ 25 हज़ार 86 वोटों से विधानसभा चुनाव जीता था. वहीं जीजीपी के भलावी 55 हज़ार 988 वोट हासिल करके तीसरे स्थान पर रहे थे.

कमलेश शाह के साथ होने के कारण भाजपा को जीत का पूरा भरोसा है. भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया, “हमने सामाजिक संगठनों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं. जहां उन्होंने घर-घर जाकर स्थानीय लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों के लिए किए जा रहे कल्याण कार्यों के बारे में जानकारी दी है.”

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