त्रिपुरा के आदिवासियों के मुद्दों के स्थायी समाधान के लिए त्रिपक्षीय समझौते के बाद त्रिपुरा में टिपरा मोथा और बीजेपी के गठबंधन का रास्ता साफ़ माना जा रहा है. टिपरा मोथा के एक वरिष्ठ नेता ने MBB को बताया है कि फ़िलहाल विधान सभा में नेता विपक्ष राज्य के उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं.
राज्य के जनजातीय लोगों(Indiginous People) की समस्याओं का स्थायी समाधान लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में शनिवार को टिपरा मोथा, त्रिपुरा और भारत सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया
केंद्र, त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के अवसर पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा , ‘आज त्रिपुरा के लिए ऐतिहासिक दिन है. आज इस समझौते के साथ हमने इतिहास का सम्मान किया है. गलतियों को सुधारा है और आज की वास्तविकता को स्वीकार करके भविष्य की ओर देखा है. इतिहास जो है उसे कोई नहीं बदल सकता, उसमें हुई गलतियों को सीखकर और आज की वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए, हम निश्चित रूप से आगे बढ़ सकते हैं.’
https://twitter.com/i/broadcasts/1vOGwjRZqPNKB?s=20
इस समझौते के बाद पत्राकारों से बात करते हुए टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य ने भी खुशी प्रकट की है. उन्होंने कहा है कि इस समझौते के बाद अब वे अगरतला जाएंगे और वहां चल रहे भूख हड़ताल स्थल पर अपना अनशन तोडेंगे.
त्रिपुरा विधान सभा में नेता विपक्ष ने अनिमेष देबबर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “पिछले एक साल में कई दौर की बातचीत हुई है. मैं खुद कई दौर की बातचीत के लिए गृहमंत्रालय में आया हूं. मुझे खुशी है कि एक साल के बाद हम एक समझौते पर पहुंचे हैं.”
त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों के विकास से जुड़े इस समझौते के डीटेल अभी तक सार्वजनिक नहीं किये गए हैं. त्रिपुरा में जनजातीय जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाली टिपरा मोथा की मुख्य मांग ग्रेटर टिपरालैंड का गठन है.
इसके अलावा त्रिपुरा में जनजातीय स्वायत्त परिषद इलाके के आदिवासी इलाकों के विकास के लिए ज़्यादा फंड की मांग भी होती रही है. इसके अलावा आदिवासियों की भाषा कोकबोरोक के लिए रोमन स्क्रिप्ट की मांग भी टिपरा मोथा के ऐजेंडे में शामिल रही है.
त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है. लेकिन सरकार के गठन के साथ साथ बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार टिपरा मोथा के संपर्क में रहा है. टिपरा मोथा में भी ज़्यादातर लोग मानते हैं कि पार्टी को बीजेपी के साथ सरकार में शामिल होना चाहिए.
लेकिन पार्टी के चीफ़ प्रद्योत किशोर माणिक्य यह कहते रहे हैं कि जब तक उनकी मांगों पर केंद्र सरकार कोई लिखित आश्वासन नहीं देती है तब तक इस बारे में कोई फ़ैसला नहीं हो सकता है.
अब इस समझौते के बाद टिपरा मोथा और बीजेपी के बीच लोकसभा चुनाव में गठबंधन का रास्ता साफ़ हो गया है. इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि अब टिपरा मोथा त्रिपुरा सरकार में शामिल हो सकती है.