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खरगोन के सबसे अधिक संक्रमित भगवानपुरा में कैसे आदिवासी बचा रहे हैं अपने गाँव

भगवानपुरा ब्लाक के 23 गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामीणों की सजगता से कम से कम अभी तक कोरोना से लोग बचे हुए हैं. ग्रामीणों ने बढ़ते संक्रमण की बीच सतर्क होकर इससे बचने के लिए गांव में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

खरगोन जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में लगातार तेजी आ रही है. ज़िले में रोज़ कम से कम 150 नए केस मिल रहे हैं. इस ज़िले में बड़ी तादाद में आदिवासी आबादी है. 

ज़िले में एक बेहद सुकून देने वाली ख़बर ये है कि कई आदिवासी गाँव ऐसे हैं जहां यह वायरस अभी नहीं पहुँचा है. इसके लिए आदिवासी गाँवों में जागरूकता और सतर्कता काम आ रही है. 

मसलन आदिवासी क्षेत्र भगवानपुरा ब्लाक के 23 गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामीणों की सजगता से कम से कम अभी तक कोरोना से लोग बचे हुए हैं. ग्रामीणों ने बढ़ते संक्रमण की बीच सतर्क होकर इससे बचने के लिए गांव में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इसके अलावा गांव के व्यक्ति के भी अन्य संक्रमित गांवों में जाने पर रोक लगाई है.  भगवानपुरा जनपद पंचायत के सीईओ एमएल वर्मा ने मीडिया को बताया कि संबंधित गांव में ग्रामीणों ने कोरोना से बचने के लिए शासन की गाइड लाइन के साथ अन्य सतर्कता भी बरती है. 

भगवानपुरा ब्लॉक में भीला आदिवासी रहते हैं

इस ब्लॉक में कुल 61 पंचायतें हैं. वर्मा के अनुसार जनपद पंचायत द्वारा इन गांव में प्रतिदिन जानकारी अपडेट ली जा रही है. 

उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 12 हजार 237 नागरिक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 10 हजार 583 ठीक हो चुके हैं. जिले में मई माह में प्रतिदिन करीब 150 कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं.

प्रशासन का कहना है कि यहाँ के पहाड़ी क्षेत्र के साथ ही महाराष्ट्र सीमा से लगे हुए गाँव भी हैं. इसलिए प्रशासन को इस बात की आशंका थी कि महाराष्ट्र से इन इलाक़ों में भी कोरोना वायरस पहुँच सकता है. 

इसलिए शुरुआती समय से ही गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों को मास्क और शारीरिक दूरी का महत्व बताया गया. जिला मुख्यालय पर गत दिनों हुई बैठक में कलेक्टर अनुग्रहा पी ने बताया कि जिले में सबसे अधिक संक्रमित खरगोन और भगवानपुरा क्षेत्र में ही हैं.

बावजूद सजगता के चलते ये 23 गांव कोरोना की गिरफ्त से दूर हैं.  ग्राम गोमटिया में ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्ति के गांव प्रवेश पर रोक लगाने के साथ ही गांव के व्यक्ति के किसी भी संक्रमित गांव में जाने पर 500 रुपये के दंड का प्रावधान किया था. इनमें सबसे आबादी 1372 वाला गांव गलतार है, जबकि देवनाल्या की आबादी सर्वाधिक 4225 है.

जो 23 गांव कोरोना मुक्त बताए जा रहे हैं उनमें बोरखेड़ा, भातूड, रसगांगली, राजपुरा, लाहौरपानी, हीरापुर, अंजनगांव, आमल्यापानी, अंबाकुंबी, कदवाली, गलतार, गारी, गुलझीरा, गोंटिया, झगड़ी, ढांबला, दाउदखेड़ी, देवनाल्या, धरमपुरी, नांदिया, पलासकुट, बलखड़ और मदनी बुजुर्ग शामिल हैं.

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