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झारखंड में तेजी से घट रही आदिवासियों की आबादी, निशिकांत दुबे ने उठाई NRC लागू करने की मांग

सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की घुसपैठ में वृद्धि के कारण झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में जनसांख्यिकी बदल रही है और केंद्र से इन राज्यों में एनआरसी लागू करने की मांग की

लोकसभा में बुधवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने झारखंड (Jharkhand) में आदिवासी समुदाय (Tribal community) की आबादी घटने का मुद्दा उठाते हुए इसकी जांच और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करने की मांग की.

निशिकांत दुबे ने शून्य काल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि साल 1951 में राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी 36 फीसदी थी. जो अब घटकर मात्र 24 फीसदी रह गई है.

उन्होंने कहा, ”मैं बतौर सांसद 15 साल में 100वीं बार यह मुद्दा उठा रहा हूं.”

निशिकांत दुबे ने कहा कि ऐसे मे जब सभी समुदायों की संख्या बढ़ रही है तो आदिवासी समुदाय की संख्या क्यों घट रही है. इसको सोचने और समझने की जरूरत है. यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई इसकी व्यापक जांच कराई जानी चाहिए. मैं यह मुद्दा कई उठा चुका हूं लेकिन इस गंभीर मुद्दे पर अब तक कुछ ठोस नहीं किया गया है.

सांसद निशिकांत ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद और कुछ अन्य जिले और बिहार के कुछ इलाकों में बंगलादेशी घुसपैठियों की घटनाएं बढ़ी हैं. इसी तरह झारखंड के कुछ क्षेत्रों में भी बंगलादेशी घुसपैठिए आ गए हैं. उन्होंने इसकी पूरी जांच और झारखंड को बंगलादेशी घुसपैठियों से बचाने की मांग की.

निशिकांत दुबे ने एनआरसी लागू करने की मांग करते हुए कहा कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की घुसपैठ में बढ़ोतरी के कारण झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में जानसांख्यिकी बदल रही है.

उन्होंने कहा कि मेरा राज्य झारखंड 1951 में आदिवासी बहुल राज्य के रूप में बिहार से अलग हो गया था. झारखंड में आदिवासियों की आबादी 36 फीसदी थी जो सिर्फ 24 फीसदी रह गई है. झारखंड में आदिवासियों की आबादी कम हो गई है.

दुबे ने कहा कि पूरे देश में परिसीमन हो रहा है लेकिन झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां 2008 में परिसीमन नहीं किया जा सका क्योंकि इससे लोकसभा में एक आदिवासी सीट और विधानसभा में तीन आदिवासी सीटें कम हो जाएंगी. यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि आज स्थिति यह है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आते हैं और आदिवासियों से शादी करते हैं. खासकर गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज, देवघर और जामताड़ा जैसे जिलों में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है.

भाजपा सांसद ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही स्थिति देखी जा रही है. जब ममता बनर्जी सांसद थीं तो उन्होंने कहा था कि बांग्लादेशियों के कारण बंगाल की जनसांख्यिकी बदल रही है. जब से वह मुख्यमंत्री बनी हैं मालदा, मुर्शिदाबाद और कालियाचक बांग्लादेशी घुसपैठियों से भरे हुए हैं.

यह स्थिति बिहार के कटिहार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और भागलपुर में भी है. बांग्लादेशियों के कारण जनसांख्यिकी बदल रही है.

सांसद ने कहा कि भारत सरकार को एनआरसी लाना चाहिए और सभी बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर भेजना चाहिए.

(Image credit: PTI)

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