तमिलनाडु में वन विभाग ने आदिवासियों के लिए काम करने वाली एक ग़ैर सरकारी संस्था के अध्यक्ष के ख़िलाफ़ एफ़आइआर दर्ज कराई है.
यह घटना अन्नामलाई टाइगर रिज़र्व फ़ॉरेस्ट की है. जानकारी के अनुसार एक एनजीओ ‘तमिलनाडु पीपल्स एसोसिएशन ‘ के अध्यक्ष वीएस परमाशिवम के ख़िलाफ़ आरोप है कि वो बिना इजाज़त के लोगों के साथ जंगल में घुसे थे.
वन विभाग की तरफ़ से कहा गया है कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान विभाग ने आदिवासियों की पूरी मदद की है. विभाग ने दावा किया है कि पोलाची फ़ॉरेस्ट डिविज़न में जंगल के भीतर आदिवासियों की 18 बस्ती हैं और इन सभी बस्तियों में मदद दी गई है.
इस घटना के बारे में वन विभाग ने कहा है कि शनिवार यानि 7 फ़रवरी को परमाशिवम अपने साथियों के साथ अलियर फ़ॉरेस्ट चेक पोस्ट पर पहुँचे.
वो अपने साथियों के साथ जंगल में आदिवासी बस्तियों में जाना चाहते थे. उन्होंने चेक पोस्ट पर बताया कि वो इन बस्तियों में शौचालयों के निर्माण के लिए जाना चाहते हैं.
लेकिन वन विभाग ने उन्हें जंगल में जाने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद परमाशिवम ने सोशल मीडिया पर इस मसले को उठाया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें आदिवासियों से मिलने से रोका गया है.
उधर वन विभाग का कहना है कि विभाग का आदिवासियों के साथ अच्छा रिश्ता है. विभाग ने परमाशिवम पर आरोप लगाया है कि वो आदिवासियों को वन विभाग के ख़िलाफ़ भड़का रहे हैं.
विभाग ने कहा है कि चेक पोस्ट पर परमाशिवम और उनके साथियों ने कर्मचारियों के साथ बहस की और गालियों का इस्तेमाल भी किया.